“अपने जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगायें, एक पेड़ लगाना, सौ गायों का दान देने के समान” : समाजसेवी राकेश बिजल्वाण
[highlight]सरल स्वभाव, समाजिक, पर्यावरण रक्षा का जज़्बा, स्वच्छता, स्वास्थ्य के कार्यों में हमेशा अग्रसर रहने वाले श्री राकेश बिजल्वाण हम सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।[/highlight]
आकाश ज्ञान वाटिका, सोमवार, 4 जनवरी 2020, देहरादून । पेड़-पौधे हमें ऑक्सीजन देते हैं और वातावरण को शुद्ध रखते हैं। इसलिए हमें अपने जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। अपने जन्मदिन पर पौधारोपण करते हुए समाजसेवी राकेश बिजल्वाण ने यह सन्देश दिया। राकेश बिजल्वाण अपने जन्मदिन पर हर साल दोस्तों, अपनी संस्था के लोगों के साथ मिलकर पौधारोपण करते हैं।
[box type=”shadow” ]समाजसेवी राकेश बिजल्वाण अपने जन्मदिन पर हर साल दोस्तों, अपनी संस्था के लोगों के साथ मिलकर पौधारोपण करते हैं:
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[box type=”shadow” ]“विचार एक नई सोच” सामाजिक संगठन के संस्थापक व “पलायन एक चिंतन” समूह से जुड़कर रिवर्स पलायन पर कार्य कर रहे समाजसेवी राकेश बिजल्वाण ने कहा हम सब संकल्प लें कि हर जन्मदिन पर एक पौधा लगायेंगे। जब सभी पेड़ों का महत्व समझेंगे, पौधरोपण के लिए आगे आयेंगे, उन्हें बचाने के लिए आगे आयेंगे, तभी पर्यावरण संरक्षण संभव है। राकेश बिजल्वाण ने कहा कि उन्हें बचपन से ही पेड़-पौधों से प्रेम है। बचपन में जब घर-परिवार व आसपास लोगों को तुलसी पूजा, वट वृक्ष, आमले, केले आदि पेड़-पौधों की पूजा-अर्चना करते देखता था तो मैंने बहुत से लोगों से जानना भी चाहा कि आखिर हम इन पेड़-पौधों की पूजा क्यों करते हैं ? धार्मिक आस्था तो प्रभावित करने वाली थी ही, मुझे लगा कि पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। फिर मैंने इन पेड़-पौधों के बारे में पढ़ा तो अहसास हुआ कि हमारा जीवन इन पेड़-पौधों पर ही निर्भर है। उसके बाद तो पेड़-पौधों से ऐसा प्रेम हुआ कि अपने घर ऑंगन में लगे पेड़-पौधे अपने परिवार का हिस्सा लगने लगे। उन्होंने तमाम संस्थाओं दुआरा पेड़ लगाने के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सभी संगठन जिनका समाज में प्रभाव है, उन्हें लोगों को ऐसे कार्य करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
“प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है” : समाजसेवी राकेश बिजल्वाण
प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी, सर्दी, वर्षा आदि सब प्रकृति के सन्तुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं सन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी अच्छा होगा और सभी मौसम भी समयानुकूल सन्तुलित रहेंगे। यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदायें कहर ढाने लगेंगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को पूरा महत्व दिया। वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण ही मानवता को बाढ़, भूकंप और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदायें झेलनी पड़ रही हैं। पिछले कुछ दशकों में वनों की अंधाधुंध कटाई हुई है। जिससे वन क्षेत्र में काफी कमी आई है। भावी पीढ़ियों को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक नागरिक को पौधारोपण में सहयोग करना चाहिए।[/box]
गौरतलब है कि पिछले साल पर्यावरण सुरक्षा को लेकर चिंतित रहने वाले राकेश बिजल्वाण ने अपने जन्मदिन के दिन विभिन्न प्रजातियों के 100 से अधिक वृक्ष लगाये थे। नयार घाटी स्थित “द कैंप गोल्डन महसीर (The Camp Golden Mahseer)” में वृक्षारोपण किया गया था। इस मौके पर आम, अमरूद, माल्टा, सन्तरे, अखरोठ, सेव, नाशपती, नीम, इमली, अनार, कीनू, सहित कई अन्य प्रजातियों के पेड़ लगाए गए थे जो आज बड़े हो गए हैं।
जन्मदिन के शुभ अवसर पर तमाम समाजसेवी संगठनों, गणमान्य व्यक्तियों औऱ विचार एक नई सोच परिवार ने बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए उनके लंबे जीवन की कामना की। जन्मदिन के शुभअवसर पर शुभकामनायें देने वाले लोगों ने उनकी कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरल स्वभाव, समाजिक, पर्यावरण रक्षा का जज़्बा, स्वच्छता, स्वास्थ्य के कार्यों में हमेशा अग्रसर रहने वाले श्री राकेश बिजल्वाण हम सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी कार्यशैली तारीफ के लायक है हम सब उनकी लंबी आयु एवं स्वस्थ शरीर की कामना करते हैं।
[box type=”shadow” ][highlight]“आकाश ज्ञान वाटिका के संपादक एवं समस्त सदस्य “विचार एक नई सोच” सामाजिक संगठन के संस्थापक एवं समाजसेवी श्री राकेश बिजल्वाण के समाज के प्रति सेवाभाव, प्रकृति के प्रति चिंतन एवं जन-स्वास्थ्य व पलायन के प्रति हमेशा सजग एवं चिंतन के जज्बे को सलाम करते हैं एवं उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ्य जीवन की कामना करते हैं।”[/highlight][/box]