स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की जाएगी व्यवस्था
आकाश ज्ञान वाटिका, रविवार, 7 जून 2020, देहरादून। शनिवार, 6 जून 2020 को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 12वीं बैठक ली। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन की दृष्टिगत युवाओं को प्रशिक्षण, ग्राम सभाओं में समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित करना, स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था की जाए। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना, आगजनी घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना तथा आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी समय-समय पर मॉक ड्रिल की व्यवस्था बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की चुनौतियों का सामना करने को समय-समय पर मॉक अभ्यास किए जायें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षणों को प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए। जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, उनके माध्यम से सभी स्कूलों के शिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जाए। आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत संचार तंत्र को और सशक्त किया जाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां वक्त पर पूरी कर ली जायें। साथ ही आपदा के लिहाज से संवेदनशील स्थलों का चिह्नीकरण कर लिया जाए।
[box type=”shadow” ]आपदा प्रबंधन हेतु उठाए गए कदम
- मौसम के सटीक पूर्वानुमान को मुक्तेश्वर और सुरकंडा में चल रहा डॉप्लर रडार लगाने का काम।
- संचार तंत्र को सुदृढ़ करने को तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन की उपलब्धता।
- इस वर्ष 12321 युवक मंगल दलों और 10908 युवाओं को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण।
- गढ़वाल में 84 और कुमाऊँ मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित।
- वर्ष 2012 से अब तक आपदा से संवेदनशील 27 गाँवों के 699 परिवारों का पुनर्वास।
- राज्य और जिला स्तर पर कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम का प्रशिक्षण।
- गंगा नदी पर कोटेश्वर से ऋषिकेश तक आठ जगह बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित।[/box]
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव शैलेष बगोली, एसए मुरुगेशन, आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल, एसीईओ एसडीएमए रिधिम अग्रवाल, निदेशक आपदा प्रबंधन डॉ० पीयूष रोतेला उपस्थित रहे।