कैंची धाम मंदिर नीम करौली बाबा की जयंती के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने धाम में मत्था टेका !
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस और नीम करौली बाबा की जयंती के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने धाम में मत्था टेक कर प्रसाद ग्रहण किया।
भवाली,अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस और नीम करौली बाबा की जयंती के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने धाम में मत्था टेक कर प्रसाद ग्रहण किया। सुबह 5 बजे से ही मंदिर में भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई जो शाम तक चलती रही। बाबा की आस्था भक्तों को देश के विभिन्न राज्यों समेत विदेशों से भी खींच लाई। तपती धूप में कई भक्तों ने नंगे पैर तो कई भक्तों ने तीन किलोमीटर तक चलकर बाबा के दर्शन किए। इस मौके पर पुलिस बल भी पूरी तरह से मुस्तैद रहा। भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी ट्रैफिक को सुचारू करने में लगे रहे। सुरक्षा के लिए दूरबीन व सीसीटीवी कैमरों से सभी गतिविधियों पर नजऱ रखी गई। मंदिर के सामने खोया-पाया केंद्र व एक ओर मेडिकल कैंप भी लगा हुआ था, जिसमें सैकड़ों भक्तों का इलाज भी किया गया। देर शाम आरती के बाद शांतिपूर्ण ढंग से मेले का समापन किया गया। दूर-दूर से पहुंचे भक्तों ने सड़क किनारे कई स्थानों पर पानी व जूस के स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की।
अजय भट्ट ने किए बाबा के दर्शन
नैनीताल सीट से सांसद अजय भट्ट भी बाबा के दर पर मत्था टेकने के लिए पहुंचे। सुबह 10 बजे वह मंदिर में पहुंचे और लाइन में लगकर बाबा के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने भी मालपुए का प्रसाद ग्रहण किया
इस वर्ष करीब ढाई लाख भक्तों ने टेका मत्था
बाबा के प्रति लोगों में श्रद्धा प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में बढ़ती जा रही है। पिछले वर्ष मंदिर में करीब डेढ़ लाख भक्तों ने दर्शन किए जो इस वर्ष बढ़कर करीब ढाई लाख हो गए। इतनी अधिक संख्या के कारण दर्शन के लिए मंदिर के सामने वाली सड़क पर 2 से 3 किमी तक लंबी कतारें लगी रही।
35 डिग्री तापमान में बाबा के दर्शन को तपस्या
बाबा के प्रति भक्तों की श्रद्धा व विश्वास इतना अडिग है कि भक्तों ने लगभग 3 घंटे तपती धूप में खड़े होकर उसके बाद पैदल चलकर बाबा के दर्शन किए किए। इन कतारों में लगे भक्तों में बच्चे, जवान, बूढ़े सभी समान रूप से खड़े हुए थे। खास बात यह थी कोई भी भक्त बाबा के दर्शन के बिना लाइन से नहीं हटा। यह बाबा का आशीर्वाद ही है कि इतनी भारी संख्या में भक्तों के मौजूद होने के बावजूद भी शांतिपूर्ण ढंग से मेले का समापन हुआ।
भवाली की ओर से 3 व खैरना की ओर से 2 किमी लंबी लाइन
इस वर्ष भक्तों की संख्या इतनी अधिक रही कि भवाली मुख्य चौराहे से भीमताल रोड, नैनीताल रोड व अल्मोड़ा रोड के साथ रामगढ़ रोड पर भक्तों के वाहनों की कई किमी लंबी लाइन लगी रही। इसके अलावा मंदिर में दर्शन को भवाली से आए भक्तों की 3 किमी व खैरना से आए भक्तों की लगभग 1 किमी लंबी लाइन लगी रही।
यह है कैंची मेले का इतिहास
सन 1964 में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक गांव अकबरपुर से लक्ष्मी नारायण शर्मा नामक एक युवक ने यहां आकर रहना शुरू किया था। यहां आने से पहले उस युवक ने फर्रूखाबाद में नीम करौली नाम के गांव में कठिन तपस्या की थी। इसी कारण वह बाबा नीम करौली कहलाने लगे थे। 15 जून 1964 को उन्होंने कैंची धाम में हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी। इसी दिन से 15 जून प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। कहते हैं कि कैंचीधाम पहले सोमवारी बाबा की तपस्थली रही है। मंदिर परिसर में हनुमान जी के अलावा भगवान राम एवं सीता माता तथा देवी दुर्गा जी के साथ-साथ नीम करौली बाबा की सजीव दिखने वाली प्रतिमा स्थापित है।