मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में एनआरसी लागू करने के दिए संकेत
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून। असम की तर्ज पर भाजपा शासित कई राज्य एनआरसी (नेशनल रजिस्टर फाॅर सिटिजन्स) लागू करने की तैयारी में हैं। उत्तराखण्ड सीमांत राज्य होने के चलते एनआरसी लागू करने पर विचार कर रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में एनआरसी लागू करने के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में भी एनआरसी को लागू किया जा सकता है। इस पर कैबिनेट में चर्चा की जानी है। प्रदेश सरकार इस बारे में गंभीरता से सोच रही है। उत्तराखण्ड एक सीमांत राज्य है। प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है। ऐसा भी हो सकता है कि यहाॅ भी कोई अवैध रूप से रह रहा हो। एनआरसी का मुख्य उद्देश्य देश के वास्तविक नागरिकों की पहचान करना और घुसपैठ व अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं और कुछ समय पहले यहाॅ रोहिग्या और अवैध रूप से रहे नेपालियों के ठिकाने होने की बात होती रही है। ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जनपद अवैध घुसपैठ के लिए संवेदनशील बताए जाते हैं। अभी तक प्रदेश के ऐसा कोई आंकड़ा तैयार नहीं किया गया जिससे पता लगाया जा सके कि कितने लोग अवैध रूप से प्रदेश में रह रहे हैं। असम में लगातार बढ़ रही घुसपैठियों की संख्या को देखते हुए अगस्त 2019 में मूल नागरिकों की अंतिम सूची जारी कर अवैध रूप से रह रहे लोगों को एनआरसी से बाहर किया गया है। इसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही है। वहीं उत्तराखण्ड ने भी इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा एनआरसी पर दिए गए संकेत से साफ होता है कि इस पर जल्द मुहर लग सकती है। उधर अन्य राज्यों की भाँति उत्तराखण्ड राज्य में भी एनआरसी लागू करने के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। एनआरसी मुद्दे पर भाजपा पार्टी के अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया। वहीं कांग्रेस ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इसे मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि कई बार देखा गया है कि अपराधिक तत्व यहाॅ छिपने के लिए आ जाते हैं। इन तत्वों पर निगरानी रखना बेहद जरूरी है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार, अच्छी सरकार देती तो एनआरसी के मुद्दे पर बात न करती। एनआरसी पर बात केवल इसलिए हो रही है क्योंकि प्रदेश सरकार अच्छी नहीं चल रही है। सीएम इससे लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं। बेहतर हो कि सरकार जनता, युवाओं के मुद्दों पर अच्छे ढंग से काम करें। इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए इस प्रकार का बयान जानबूझकर दे रही है। यदि कोई घुसपैठ कर रह रहा है तो सरकार को पहचान कर उसे तत्काल निकालना चाहिए।