महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करने का दिन है – अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस
आकाश ज्ञान वाटिका। ८ मार्च २०२० (रविवार)। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले २८ फ़रवरी १९०९ को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। वर्ष १९१० में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
वर्ष १९१७ में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक १९१७ की फरवरी का आखिरी इतवार २३ फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन ८ मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में, यहाँ तक रूस में भी ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये ८ मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
प्रसिद्ध जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा ज़ेटकिन के जोरदार प्रयासों के बदौलत इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने वर्ष 1910 में महिला दिवस के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलीडे को सहमति दी। इस फलस्वरूप 19 मार्च, 1911 को पहला अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को वर्ष 1921 में अन्ततः बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन एक खास थीम पर आधारित होता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी, ‘सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर’ ( अतीत का जश्न, भविष्य के लिए योजना) थी। इस वर्ष (२०२०) की थीम है, “मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूँ (I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights)” है।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस – थीम (विषय-वास्तु)
- वर्ष 1996 : अतीत का जश्न, भविष्य के लिए योजना।
- वर्ष 1997 : महिलाओं और शांति तालिका।
- वर्ष 1998 : महिला और मानवाधिकार।
- वर्ष 1999 : महिलाओं के खिलाफ हिंसा से मुक्त विश्व।
- वर्ष 2000 : शांति के लिए एकजुट महिलाएं।
- वर्ष 2001 : महिला और शांति: महिला का संघर्ष प्रबंधन।
- वर्ष 2002 : आज की अफगान महिला: वास्तविकता और अवसर।
- वर्ष 2003 : लिंग समानता और सहस्राब्दी विकास लक्ष्य।
- वर्ष 2004 : महिला और एचआईवी/एड्स।
- वर्ष 2005 : 2005 के आगे लिंग समानता; अधिक सुरक्षित भविष्य का निर्माण।
- वर्ष 2006 : निर्णय-लेने में महिलायें।
- वर्ष 2007 : महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना।
- वर्ष 2008 : महिला और लड़कियों में निवेश।
- वर्ष 2009 : महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए महिला और पुरुष एकजुट।
- वर्ष 2010 : समान अधिकार, समान अवसर: सभी के लिए प्रगति।
- वर्ष 2011 : शिक्षा, प्रशिक्षण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समान पहुँच: महिलाओं के बेहतरी का मार्ग।
- वर्ष 2012 : ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, गरीबी और भूखमरी का अंत।
- वर्ष 2013 : वचन देना, एक वचन है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्रवाई का समय।
- वर्ष 2014 : महिलाओं के लिए समानता, सभी के लिए प्रगति है।
- वर्ष 2015 : महिला सशक्तीकरण, ही मानवता सशक्तीकरण: इसे कल्पना कीजिये।
- वर्ष 2016 : 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50: लैंगिक समानता के लिए आगे आये।
- वर्ष 2017 : कार्य की बदलती दुनिया में महिलाएं : 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50।
- वर्ष 2018 : अब समय है: महिलाओं और महिलाओं के जीवन को बदलने वाले ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता अब हैं: ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के जीवन को बदल रहे हैं।
- वर्ष 2019 : समान सोचें, बिल्ड स्मार्ट, बदलाव के लिए नया करें।
- वर्ष 2020 : मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूँ।[/box]
आकाश ज्ञान वाटिका परिवार की ओर से अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में समस्त महिलाओं को हार्दिक शुभ-कामनायें एवं बहुत बहुत बधाई।