Breaking News :
>>मुख्यमंत्री धामी ने ‘उत्तराखण्ड निवास’ का नई दिल्ली में किया लोकार्पण>>अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर चला डोनाल्ड ट्रंप का जादू>>पीपीपी मोड़ से हटेगा रामनगर संयुक्त चिकित्सालय>> मेटा ने इंस्टाग्राम के लिए बड़ा फीचर किया जारी, अब नहीं चलेगी किशोरों की मनमानी>>दिल्ली-पिथौरागढ़ के लिए कल से शुरू होगी उड़ान, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा >>जाति आधारित भेदभाव के मामले में देश की स्थिति दुनिया में सबसे खराब – राहुल गांधी>>‘ड्यून प्रोफेसी’ का ट्रेलर जारी, तब्बू का दिखा दमदार अवतार, जानिए कब और कहां देखें सीरीज>>लोक आस्था के महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, जानिए खरना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व >>अल्मोड़ा बस दुर्घटना – राज्य स्थापना दिवस से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त>>आतंकवाद वर्तमान विश्व की एक बड़ी समस्या>>एम्स में अल्मोड़ा बस दुर्घटना के घायलों के उपचार में नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज : जिलाधिकारी सविन बंसल>>सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा>>श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को मिली तीन और फैकल्टी>>उत्तराखण्ड में 10वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एण्ड अरोग्य एक्सपो दिसम्बर माह में होगा आयोजित>>बस की चपेट में आने से चार वर्षीय बच्ची की हुई मौत >>थाईलैंड ने पर्यटन को ध्यान में रखते हुए लिया बड़ा फैसला, बढाई ‘मुफ्त वीजा प्रवेश नीति’ की तारीख>>अल्मोड़ा बस हादसा : माता-पिता को खोने वाली मासूम शिवानी की देखभाल की जिम्मेदारी उठाएगी धामी सरकार >>अल्मोड़ा सड़क हादसे के घायलों का मंत्री अग्रवाल ने जाना हाल, दिवंगतों को दी श्रद्धांजलि>>अब तंबाकू, पान मसाला और गुटखा बनाने वाली कंपनियों के लिए जीएसटी चोरी करना नहीं होगा आसान >>किडनी स्टोन का रिस्क होगा कम, बस रोजाना सुबह उठकर पियें संतरे का जूस
उत्तराखण्डताज़ा खबरें

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दीवारों पर काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह सोने की परत चढ़ाई जाएगी

आकाश ज्ञान वाटिका, 16 सितम्बर 2022, शुक्रवार, केदारनाथ केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारें अब स्वर्णमंडित होंगी। खंभों, जलेरी और छत्रों पर भी सोने की परत चढ़ाई जाएगी। शासन से अनुमति के बाद बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कार्य शुरू करवा दिया है।
काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दीवारों पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी। महाराष्ट्र के एक दानीदाता ने दो माह पूर्व बीकेटीसी से इस कार्य के लिए आग्रह किया था। इसके लिए समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से बीते अगस्त में धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव हरीश चंद्र सेमवाल को पत्र लिखकर शासन से अनुमति मांगी थी।
दो दिन पूर्व शासन ने बीकेटीसी को इस कार्य के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। अब मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगी चांदी की परतें निकाल दी गई है। अब स्वर्णमंडित करने के लिए दीवारों पर ड्रील की जा रही है।

2017 में एक दानीदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह की दीवारों पर चांदी की परत चढ़ाई थी। दो क्विंटल और तीस किलोग्राम से अधिक चांदी से गर्भगृह की जलेरी, छत्र को भी चांदी से सजाया गया था। लगभग तीन वर्ष पूर्व केदारनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर भी अलग से चांदी का दरवाजा लगाया गया है।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों से चांदी की परतें निकाल दी गई है। अभी ट्रायल के तौर पर तांबे की परत चढ़ाई जा रही है जिससे पता लग सकेगा कि आकार ठीक है या नहीं। इसी नाप के बाद अंत में गर्भगृह की दीवारों, जलेरी और खंभों में सोने की परत लगाई जाएगी। यह कार्य अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा। सोने की जो परतें लगाई जाएंगी वह लेमिनेट होंगी जिनकी चमक कम नहीं होगी और इन्हें आसानी से पानी से भी धोया जा सकेगा।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारें स्वर्णमंडित किए जाने का तीर्थपुरोहितों ने विरोध किया है। तीर्थपुरोहितों का कहना है कि सरकार व बीकेटीसी मान्यताओं को हाशिए पर रख रही है। मंदिर की दीवारों पर जगह-जगह ड्रील से छेद किए जा रहे हैं जो धार्मिक रूप से अनुचित है। उन्होंने जल्द कार्य बंद नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों का कहना है कि आपदा से प्रभावित केदारनाथ में बीते आठ वर्ष से पुनर्निर्माण कार्य हो रहे हैं। परंपराओं और मान्यताओं को दरकिनार कर वहां कई कार्य किए जा रहे हैं जो गलत है। तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी का कहना है कि केेदारनाथ मंदिर पांडवकालीन है जिसका पुनरोद्धार आदिगुरु शंकराचार्य ने किया था लेकिन अब पुनर्निर्माण के नाम पर परंपराओं को दरकिनार किया जा रहा है।

पहले गर्भगृह की दीवारों को चांदी से मढ़ा गया और अब सोने की परत चढ़ाई जा रही है। इसके लिए मंदिर की दीवारों पर जगह-जगह मशीनों से छेद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार आपदा के बाद से अभी तक केदारनाथ में रावल और मुख्य पुजारी के लिए आवास की व्यवस्था तक नहीं कर पाई है। आज भी हंस, रेतस सहित तीन प्राचीन कुंडों का पता नहीं लगाया गया है।

केदारपुरी में ईशानेश्वर मंदिर और अन्नापूर्णा मंदिर का भी निर्माण नहीं किया गया है जिनके बिना केदारनाथ की कल्पना नहीं की जा सकती है। मंदिर में मनमर्जी के कार्य किए जा रहे हैं जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा है कि अगर मंदिर की दीवारों पर मशीनों से छेद करना बंद नहीं किया तो वह भूख हड़ताल के लिए बाध्य होंगे। इधर, बीकेटीसी के नवनियुक्त सीईओ योगेंद्र सिंह से कई बार संपर्क किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई। वहीं बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि मामले में तीर्थपुरोहितों से बातचीत की जाएगी।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!