डी.डी. कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
महत्वपूर्ण विषय “प्रवास और ग्रामीण बस्तियों की स्थिरता” पर भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (उत्तर क्षेत्रीय) केंद्र द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज ओ०एन०जी०सी० के सभागार में शुभारंभ हुआ।
आकाश ज्ञान वाटिका, 30 दिसम्बर 2021, गुरुवार, देहरादून। डीoडीo कॉलेज में पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी बहुत ही महत्वपूर्ण विषय “प्रवास और ग्रामीण बस्तियों की स्थिरता” पर भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (उत्तर क्षेत्रीय) केंद्र द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज ओ०एन०जी०सी० के सभागार में शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ डी.डी. कॉलेज के चेयरमैन जितेंद्र सिंह यादव अकादमिक चेयरमैन डॉo वी.के. त्यागी उप प्राचार्य श्रीमती ज्योत्सना रमोला प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल डॉo कौशल कुमा शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।
सेमिनार की मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल (कुलपति दून विश्वविद्यालय ), विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा, निदेशक (भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद उत्तर क्षेत्रीय), विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बी.डब्ल्यू. पांडे (डिपार्टमेंट ऑफ ज्योग्राफी दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स डीन यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली) रहे ।
कार्यक्रम के आरंभ में प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल का स्वागत कॉलेज की प्रधानाचार्य श्रीमती ज्योत्सना रमोला ने शॉल व स्मृति चिन्ह देकर किया। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा का स्वागत कॉलेज के चेयरमैन जे.एस. यादव ने शॉल व स्मृति चिन्ह देकर किया मुख्य अतिथि के व्यक्तित्व में वक्तव्य में प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने डी.डी. कॉलेज की सराहना करते हुए इस सेमिनार को वर्तमान परिपेक्ष में अति आवश्यक मानते हुए, उन्होंने उत्तराखंड के पलायन व समाधान पर चर्चा की। उन्होंने अपने अनुभव भी बांटे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर दशकों से जन स्थानांतरण गतिमान हैं जिससे स्थानीय जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि सेमिनार का विषय वर्तमान परिपेक्ष में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
विशिष्ट अतिथि कौशल कुमार शर्मा ने अपने अतिथि वक्तव्य में कहा कि पलायन से स्थानीय जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है जिससे पर्यावरण जनसंख्या असंतुलन कृषि उद्यानिकी की अत्याधिक प्रभावित हुए हैं। निरंतर गांव से पलायन के कारण स्थितियां बहुत बदल गई हैं। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बी.डब्लू. पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में ग्राम में आर्थिकी को पुनर्जीवित करने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास में समुचित संतुलन बनाए रखने और संपोषित विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पलायन की समस्या को ठोस व स्थाई समाधान की आवश्यकता है। अकादमिक चेयरमैन डॉo वी.के. त्यागी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांव से पलायन की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है। भारत में विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पलायन की समस्या के ठोस और स्थाई समाधान के लिए प्रयास किए जाने आवश्यक हैं। इस दृष्टि से डी.डी. कॉलेज द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन वर्तमान परिपेक्ष में अत्यंत प्रासंगिक वह सराहनीय है
सेमिनार के पहले टेक्निकल सेशन में विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से आए विषय विशेषज्ञों ने संबंधित विषय में अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इसके बाद कार्यक्रम की अगली कड़ी में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें डी.डी. कॉलेज की छात्र-छात्राओं ने अपने नृत्य के द्वारा विभिन्न राज्यों की संस्कृति से परिचय कराया।
कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की उप प्रधानाचार्य श्रीमती ज्योत्सना रमोला ने सभी सम्मानीय अतिथियों और विभिन्न राज्यों और विश्वविद्यालयों से आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है जिस पर चर्चा किया जाना आवश्यक है। निश्चित ही इसके सकारात्मक परिणाम व समाधान निकलेंगे।