अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की भावी योजना को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण समिति की अहम बैठक
आकाश ज्ञान वाटिका, १० अप्रैल २०२१, शनिवार, अयोध्या। भगवान राम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की भावी योजना को लेकर शनिवार को बड़ी बैठक है। श्रीराम जन्मभभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य तथा रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा शुक्रवार शाम अयोध्या पहुंचे हैं और आज उनके नेतृत्व साथ रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक होगी।राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यथ नृपेंद्र मिश्रा दो दिन के अयोध्या दौरे पर हैं। राम जन्मभूमि परिसर में ही आज उनकी विश्वामित्र आश्रम में एलएनटी व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर्स के साथ अहम बैठक है। इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी शामिल होंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बंसल हरिद्वार कुंभ में होने के कारण इस बैठक में शामिल नहीं होंगे।
अयोध्या में राम मंदिर की नींव में भराई का कार्य आरंभ हो चुका है। माना जा रहा है कि अगले तीन माह में इसका काम पूर्ण होगा। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा आज की बैठक में आगे के काम की तैयारी की समीक्षा करेंगे। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा राम जन्मभूमि परिसर में होने वाली बैठक में आज राम जन्मभूमि मंदिर की नींव में लगने वाले इंजीनियर्ड फिल्ड मैटेरियल पर मोहर लगा सकते हैं।
अयोध्या में इस बैठक के बाद शाम चार बजे सर्किट हाउस में होने वाली बैठक में रामलला मंदिर परिसर के बाहर के विकास कार्यों की भी समीक्षा होगी। इस योजना से अयोध्या में भव्य मंदिर ही नहीं नव्य अयोध्या के निर्माण को भी गति मिलेगी। यह संभावना राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र की मौजूदा अयोध्या यात्रा से जगी है। एक ओर रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित भव्य मंदिर की नींव भरी जा रही है, दूसरी ओर नव्य अयोध्या का खाका खींचा जा रहा है। नगर नियोजन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति की संस्था ली एसोसिएट््स के विशेषज्ञ फरवरी माह के मध्य से ही रामनगरी का युद्धस्तर पर सर्वे कर रहे हैं। केंद्र एवं प्रदेश सरकार की योजना रामनगरी को विश्व की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित करने की है। दोनों सरकारों की ओर से हजारों करोड़ की विकास योजनाएं पहले से ही प्रस्तावित हैं और अब रामनगरी के समग्र विकास के लिए सरकार अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की संस्था से विजन डाक्यूमेंट तैयार करा रही है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय पूर्व में ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर के अंदर एवं बाहर संपूर्ण अयोध्या के विकास में तालमेल होना जरूरी है। शनिवार एवं रविवार को मंदिर निर्माण समिति एवं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आसन्न बैठक में भी यह तालमेल परिभाषित होगा। बैठक में जहां राम मंदिर की नींव भराई और तराशी गई शिलाओं की शिफ्टिंग की तैयारियों की समीक्षा होनी है, वहीं अंतिम स्पर्श से पूर्व समग्र अयोध्या के विकास के लिए तैयार किए जा रहे विन डाक्यूमेंट का आंकलन किया जाना है।
अयोध्या में हजारों करोड़ की लागत से प्रस्तावित भव्य राम मंदिर, श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा और उन्नत मार्गाें का निर्माण तो तय ही है, विजन डाक्यूमेंट से रामनगरी का लिङ्क्षवग स्टैंडर्ड, शिक्षण व्यवस्था, आर्थिक प्रबंधन, उद्यमशीलता, पारिस्थतिकी अनुकूलन, ग्रीनलैंड, सोलर एनर्जी पर निर्भरता, सांस्कृतिक संरक्षण आदि आयामों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अयोध्या को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन नगरी बनाए जाने के प्रयास में मंदिर निर्माण और नगर निर्माण परस्पर पूरक योजना के तौर पर भी परिभाषित हो रहे हैं। इसी संभावना के अनुरूप मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष गत 26 फरवरी को पिछली यात्रा के दौरान ही विजन डाक्यूमेंट तैयार करने में लगे विशेषज्ञों के साथ रामनगरी के समग्र विकास की समीक्षा कर चुके हैं। उनके सामने ली एसोसिएट्स एवं सीपी कुकरेजा आर्किटेक्टस के प्रतिनिधि अयोध्या की प्रस्तावित विकास योजना का प्रजेंटेशन भी कर चुके हैं।