UKSSSC भर्ती घोटाले में धामी सरकार की कार्रवाई से हाईकोर्ट संतुष्ट, सीबीआई जाँच की माँग ठुकराई
राजनीतिक लाभ लेने के कांग्रेस के मंसूबों पर फिरा पानी
आकाश ज्ञान वाटिका, बुधवार, 19 अक्टूबर 2022, नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में हुए यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले भर्ती घोटाले को लेकर विधायक और कांग्रेस नेता भुवन कापड़ी की सीबीआई जांच की मांग की याचिका को खारिज कर दिया। बुधवार को हाईकोर्ट के न्यायधीश संजय मिश्रा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट राज्य सरकार की ओर से इस मामले में की जा रही जाँच से संतुष्ट थी। कोर्ट ने माना कि जब राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले मामले में एक के बाद एक गिरफ्तारियां की हैं और मामले की जाँच चल रही है तो ऐसे में सीबीआई जाँच का कोई औचित्य नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि जब राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले मामले में एक के बाद एक गिरफ्तारियाँ की हैं और मामले की जाँच चल रही है तो ऐसे में सीबीआई जाँच का कोई औचित्य नहीं है। लिहाजा कोर्ट में कापड़ी की याचिका को ठुकरा दिया। इस मामले में कोर्ट ने 12 अक्टूबर 2022 को सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली जबकि विपक्ष को राजनीतिक माइलेज लेने के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापडी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ० आर.बी.एस. रावत को गिरफ्तार किया। अभी भी सरकार बड़े लोगो को बचा रही है। ऐसे ही नकल करने से सम्बंधित मामले में वर्ष 2020 में मंगलोर व पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। विधायक कापड़ी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधानसभा मे इस मामले की जाँच सीबीआई से कराने की मांग की थी। सरकार ने जाँच एसटीएफ को दे दी।
सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर व जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा गया था कि इस मामले में 80 प्रतिशत जाँच पूरी हो चुकी है। 46 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। 28 से 30 के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। एसटीएफ की जांच में संदेह नही है।
खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन याचिका दायर कर कहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियाँ हुई हैं, छोटे छोटे लोगों की हुई है, जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसमें उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी व नेता शामिल हैं। सरकार उनको बचा रही है, इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए। वर्ष 2021 में यह परीक्षा हुई थी। 22 जुलाई 2022 को अनुसचिव राजन नैथानी ने रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सअप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रशन हल कराए गए। एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जाँच की शुरुआत की।