नैनीताल क्लब में जनपद की जीआईएस मैपिंग प्रगति की समीक्षा करने हेेतु एक बैैठक हुई आयोजित
आकाश ज्ञान वाटिका। नैनीताल 22 नवम्बर 2019 (सू.वि.)। बृहस्पतिवार, 21 नवम्बर को नैनीताल क्लब में जनपद की जीआईएस मैपिंग प्रगति की समीक्षा करने हेेतु एक बैैठक आयोजित की गई।
“ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) में स्थायी एवं शुद्ध आकड़ों की मैपिंग से शासकीय कार्यों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता आयेगी। इसके साथ ही आम आदमी को सरकारी चल एवं अचल परिसम्पत्तियों, मानव संसाधन (कार्मिकों) के आनलाईन रिकोर्ड होने से अनुश्रवण में सुगमता होगी। इसके साथ पानी, सीवरेज, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सेवाएं बेहतर होंगी तथा विकास का खाका जनावश्यकता के अनुसार बन सकेगा। इससे अतिक्रमण आदि को रोकने में मदद मिलेगी साथ ही पुलिस महकमें की जीआईएस मैपिंग होने से अपराधों में भी कमी आएगी।” ——-मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार
मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार ने यह भी कहा कि ई-गर्वेन्स एवं जी-गर्वेन्स समय की आवश्यकता है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए सभी विभागों के अधिकारी वर्ष 2019-20 के आधार पर अपडेट डाटा प्राथमिकता से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा विभागाध्यक्ष एवं कार्यालय अध्यक्ष डाटा सत्यापन प्रमाण पत्र भी दें। उन्होंने कहा कि जीआईएस रिमोट सेंसिंग, डिजिटल तकनीक व हाईटेक विधियों से सुसज्जित है जोकि पुराने आंकड़ों के साथ-साथ नए आंकड़ों को भी संशोधित एवं परिमार्जित करती है। इसमें किसी भी स्थान की स्थिति को उस स्थान पर जाए बिना ही अपने कंप्यूटर पर देखा एवं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में विकास कार्य एवं जिला प्लान जीआईएस आधारित ही बनाये जायेंगे।
स्टेट नोडल अधिकारी जीआईएस प्रोफेसर जेएस रावत ने बताया कि जीआईएस के माध्यम से पृथ्वी की भौगोलिक आकृतियों, भू-भागों आदि को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह एक हाईटेक तकनीक है, जिसमें किसी भी डाटा को एनालॉग से डिजिटल तकनीक में बदला जाता है। इसमें प्रायः त्रि -आयामी तकनीक से बने मॉडलों को आधार बनाया जाता है। जीआईएस तकनीक में एरियल फोटोग्राफी तथा डिजिटल मैचिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जीआईएस कार्यों में भूगोल, गणित, सांख्यिकी जैसे विषयों के अलावा कंप्यूटर ग्राफिक्स, कंप्यूटर, प्रोग्रामिंग, डाटा प्रोसेसिंग व संग्रहण तथा मैपिंग के लिए कंप्यूटर कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का प्राथमिकता से प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि जनपद के 74 विभागों की जीआईएस मैपिंग का कार्य गतिमान है। जिसमें से 45 विभागों का डाटा पूर्ण हो चुका है तथा 17 विभागों का डाटा अपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जनपद के 12 विभागों से अभी तक डाटा अप्राप्त है। उन्होंने बताया कि जीपीएस काॅर्डिनेट में अक्षांश व देशान्तर अवश्य अंकित किए जाए ताकि भौगोलिक सूचना प्रणाली में शुद्धता आ सके।
बैठक में मुख्य कोषाधिकारी अनिता आर्या, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, उप निदेशक सूचना योगेश मिश्रा, आरटीओ राजीव मेहरा, जिला शिक्षा अधिकारी एचएल गौतम, गोपाल स्वरूप, अधिशासी अभियंता विद्युत सैयद उस्मान, जल संस्थान विशाल कुमार, एसके उपाध्याय, लोनिवि महेन्द्र कुमार, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी भाष्कर कुलियाल, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी एलएम तिवारी, सहायक निदेशक अल्प बचत अखिलेश शुक्ला, एपीडी संगीता आर्या, सीएचओ भावना जोशी, सीओ विजय थापा, डीएसओ मनोज बर्मन, एसीएमओ डाॅ.टीके टम्टा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। .