अमेज़न प्राइम वेब सीरीज़ ‘तांडव’ के ख़िलाफ़ FIR, उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि बिगाड़ने के आरोप
आकाश ज्ञान वाटिका, 19 जनवरी 2020, मंगलवार। अमेज़न प्राइम वेब सीरीज़ तांडव को लेकर मेकर्स के माफ़ी मांगने के बावजूद विवाद थम नहीं रहा है। दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा सीरीज़ को प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, अब उत्तर प्रदेश के नोएडा में तांडव के मेकर्स के ख़िलाफ़ पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ करवायी गयी है। इस बीच ख़बर आ रही है कि मेकर्स तांडव से विवादित दृश्यों को हटाने पर विचार कर रहे हैं।
15 जनवरी को स्ट्रीम हुई वेब सीरीज़ के कुछ दृश्यों और संवादों को लेकर निरंतर बवाल जारी है। हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ के आरोपों को लेकर सीरीज़ को बैन और अमेज़न प्राइम वीडियो ऐप से हटाने की मांग की जा रही है। सोशल मीडिया से शुरू हुआ विरोध अब सड़क और सियासत तक पहुंच चुका है। मुंबई, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से कई नेताओं ने इसके विरोध में सूचना प्रसारण मंत्रालय को लिखा है। लखनऊ में मेकर्स के ख़िलाफ़ पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज़ करवायी गयी है। अब ख़बर है कि उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के रबुपुरा थाने में मेकर्स और कलाकारों के ख़िलाफ़ पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ हुई है। शिकायतकर्ताओं ने साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने और कथित तौर पर उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि बिगाड़ने के आरोप लगाये हैं।
ख़बर है कि मेकर्स विवाद को थामने के लिए सीरीज़ से विवादित दृश्य हटा सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक एलान नहीं किया गया है। हालांकि, इसके संकेत अली ने अपने एक ट्वीट से दिये हैं। अली ने लिखा- हम सबके साथ एक अपडेट शेयर करना चाहते हैं। हम आपत्तियों के निस्तारण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम आपके निरंतर धैर्य और समर्थन की कद्र करते हैं और जल्द ही समाधान निकालेंगे।
रविवार को सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अमेज़न प्राइम के अधिकारियों को भी समन किया था। बवाल बढ़ने पर सोमवार की शाम निर्माता-निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र ने माफ़ीनामा जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शिकायतों और आपत्तियों के बारे में अवगत कराया है।
अली की माफ़ी के बाद भी विरोध थमा नहीं है। दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट करके दोहराया कि सीरीज़ को प्लेटफॉर्म से हटाना पड़ेगा।
सीरीज़ के पहले एपिसोड में यूनिवर्सिटी में चल रहे एक नाटक में भगवान शिव और राम को लेकर आपत्तिजनक संवाद दिखाये जाने का आरोप है। वहीं, कुछ दृश्यों में एक समुदाय को लेकर जातिगत टिप्पणी करने के आरोप भी लगाये गये हैं।