रोडवेज बस हादसे में घायल बुजुर्ग चालक की मंगलवार सुबह ऋषिकेश एम्स में मौत, रोडवेज अफसरों की बढ़ी मुश्किलें
आकाश ज्ञान वाटिका, १२ जनवरी २०२१, मंगलवार। हरिद्वार में रविवार को रोडवेज बस हादसे में घायल बुजुर्ग चालक की मंगलवार सुबह ऋषिकेश एम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई। इस सूचना के बाद रोडवेज अफसरों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में वे एम्स में पहुंच गए। बता दें कि, यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए व मोटर वाहन एक्ट की धज्जियां उड़ा बुजुर्ग चालक से रोडवेज अफसरों ने लगातार 2000 किमी की ड्यटी कराई थी। हादसे का कारण भी चालक को नींद आना माना जा रहा था। इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग करते हुए लगातार ड्यूटी कराने वाले अफसरों पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग कर्मचारी यूनियन ने की है। वहीं, मृतक की पत्नी ने भी अफसरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने, 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व बेटे को नौकरी देने की मांग की है। स्वजनों ने तक तक अंतिम संस्कार न करने की बात कही है।
रोडवेज प्रबंधन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बना हुआ है। बीते पांच दिन से रोडवेज कर्मचारी यूनियन की चल रही हड़ताल के कारण दूसरे संगठनों से जुड़े चालक और परिचालकों को बिना आराम दिए लगातार डयूटी कराई जा रही है। दुष्परिणाम यह हुआ था कि चंडीगढ़ से हरिद्वार होकर कोटद्वार जा रही रोडवेज बस रविवार तड़के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हरिद्वार डिपो की यह साधारण बस श्यामपुर में सामने से आ ही उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस से भिड़ गई थी, जिसमें उत्तराखंड रोडवेज के 55 वर्षीय चालक ओमपाल सिंह बुरी तरह जख्मी हुए थे और उनका ऋषिकेश एम्स अस्पताल में उपचार चल रहा था।
ओमपाल सिंह 1200 किमी की ड्यूटी कर शनिवार सुबह हरिद्वार पहुंचे थे और उसे आते ही हरिद्वार-चंडीगढ़-हरिद्वार-कोटद्वार मार्ग बस सेवा पर करीब 800 किमी फिर से बस संचालन पर भेज दिया गया। अब ओमपाल सिंह की मृत्यु होने से रोडवेज अफसर खुद के बचाव में जुट गए हैं। वहीं, प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने महाप्रबंधक प्रशासन हरगिरी और महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन को तलब कर मामले की विस्तृत जांच कराने के आदेश दिए हैं।
चालक ओमपाल सिंह करीब 55 वर्ष के थे। इसके बावजूद अफसरों ने उन्हेंं आराम न देकर लगातार 2000 किमी की ड्यूटी पर भेज दिया। रोडवेज के रिकार्ड के मुताबिक, गुरुवार सात जनवरी की शाम को ओमपाल सिंह व चालक साजिद को हरिद्वार से बस लेकर रूपड़िया गए। बस लगातार 16 से 18 घंटे एक तरफ करीब 600 किमी चलती है। अगले दिन यह दोनों फिर इतनी ड्यूटी पर वापिस चले और शनिवार सुबह साढ़े छह बजे हरिद्वार पहुंचे।
ओमपाल ने बस कार्यशाला में छोड़ी और अफसरों ने उन्हेंं तत्काल हरिद्वार बस अड्डे भेज दिया गया। हरिद्वार-चंडीगढ़-कोटद्वार बस के चालक चमनलाल को अधिकारियों ने दिल्ली भेज दिया था। ओमपाल सिंह की ड्यूटी इस बस पर सुबह 11 बजे चंडीगढ़ के लिए लगा दी गई। बस निर्धारित समय पर गई और रात को चंडीगढ़ से वापिस कोटद्वार के लिए चली। दोनों तरफ की यह दूरी करीब 800 किमी की है। लगातार तीन रात से बस चला रहे चालक ओमपाल सिंह काफी थके हुए थे।
मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक किसी चालक से लगातार आठ घंटे से अधिक बस संचालन नहीं कराया जा सकता। इसमें भी सात घंटे बस संचालन और एक घंटा बीच में आराम का है। इस डयूटी के बाद चालक को लगातार नौ घंटे आराम देने का नियम है। उसके बाद ही उसे बस संचालन के लिए भेजा जा सकता है।
पांच माह से लंबित वेतन के भुगतान और ग्रामीण डिपो के बर्खास्त शाखा मंत्री संदीप कुमार को बहाल करने की मांग को लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने दून के ग्रामीण डिपो में बीते गुरुवार जबकि पूरे दून मंडल में शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल की हुई है। यूनियन ने 13 जनवरी बुधवार से पूरे प्रदेश में चक्का जाम का एलान भी किया हुआ है। चूंकि, यूनियन में ज्यादातर चालक-परिचालक विशेष श्रेणी और संविदा वाले हैं। यही चालक व परिचालक लंबी दूरी के मार्गों पर नियमित संचालन करते हैं। इनकी संख्या करीब 3000 है। हड़ताल की वजह से पांच दिन से देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, कोटद्वार और श्रीनगर डिपो से दिल्ली समेत लंबी दूरी के मार्गों की करीब 70 फीसद बस सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं।