आर्थिक तंगी से जूझ रहा है एथलीट गरिमा का परिवार – महासचिव, कुर्मांचल परिषद ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
आकाश ज्ञान वाटिका (२८ नवम्बर २०१९)। होनहार एथलीट, धाविका गरिमा जोशी अल्मोड़ा, उत्तराखंड की रहने वाली है। गत वर्ष 31 मई 2018 को टीसीएस वर्ल्ड 10 की अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ में हिस्सा लेने बंगलूरू गई धाविका गरिमा जोशी को अभ्यास से लौटते वक्त एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मारकर घायल कर दिया था। हादसे में गरिमा की रीढ़ की हड्डी बुरी तरह फ्रैक्चर हो गई थी और उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। वर्तमान में वह दिल्ली स्पाइनल इंजरी सेंटर में उपचार करा रही हैं।
हादसे में गंभीर रूप से घायल गरिमा जब जिंदगी की जंग लड़ रही थीं, उनकी माँ का भी कैंसर के कारण देहांत हो गया। गरिमा के पिता पूरन जोशी पहले ही कैंसर से जूझ रही पत्नी के इलाज के लिए बैंकों से कर्ज लेकर आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे, उसके बाद पुत्री गरिमा के इलाज में भी काफी खर्चा होने लगा। अब वह बेहद आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं एवं कर्ज का भुगतान करने में भी असमर्थ हैं।
मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गत वर्ष गरिमा से मिलने बैंगलोर गए थे तथा उत्तराखंड सरकार ने गरिमा के पूरे इलाज का खर्च उठाने का आश्वासन दिया था। आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे गरिमा के पिता पूरन जोशी ने अब राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगते हुए कहा कि 13 लाख 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद के बाद अब सरकार ने इलाज में आये खर्च के बकाया बिलों का भुगतान करना बंद कर दिया है।
उत्तराखंड की इस होनहार एथलीट का परिवार इस समय गंभीर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। गरिमा के पिता ने बताया कि पत्नी की बीमारी और बेटी के इलाज के चलते उन पर लाखों का कर्जा हो गया है, वह कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। ऐसे हालात में उनके पास इच्छा मृत्यु के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। गरिमा के पिता ने मा० राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया है। मा० राष्ट्रपति को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा कि ‘कैंसर से जूझ रही पत्नी के इलाज के लिए उन्होंने दो बैंकों से लोन लिया था, जिनका भुगतान वो नहीं कर पा रहे हैं तथा कुछ महीने पहले कैंसर से उनकी पत्नी भी चल बसी। बेटी गरिमा के इलाज पर भी काफी खर्चा आ रहा है।’
यह भी विदित रहे कि देवभूमि की साहसी बेटी गरिमा ने घायल होने के उपरांत भी खेलों के प्रति अपना जज्बा कायम रखते हुए तीन बार व्हील मैराथन दौड़ में विजय प्राप्त की। उत्तराखण्ड के लिए बहुत बड़े गर्व की बात है कि धावक गरिमा जोशी घायल होने के बावजूद भी प्रतियोगिताओं में उच्च स्थान प्राप्त कर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रही है।
आज, २८ नवंबर २०१९ को, केंद्रीय महासचिव कुर्मांचल परिषद, समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रशेखर जोशी द्वारा उत्तराखंड की विख्यात धाविका गरिमा व उसके पिता की आर्थिक तंगी से हुई लाचार हालत की ओर, मा० प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने हेतु उन्हें एक पत्र लिखा गया है। आशा है कि मा० प्रधानमन्त्री इसका अवश्य ही संज्ञान लेंगे।
ज्ञात रहे कि कुर्मांचल सांस्कृतिक एवं विकास परिषद विगत ३२ सालों से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से अपनी अहम भूमिका निभाते आ रही है। परिषद उत्तराखंड की संस्कृति, कला व सभ्यता के प्रचार – प्रसार व पौराणिक धरोहरों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्यरत है।