जनपद में बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने सभी आईआरटी टीमों को संक्रियता से कार्य करने के दिये निर्देश
आकाश ज्ञान वाटिका, बुधवार, 2 सितम्बर 2020, हल्द्वानी (सूचना)। जनपद में कोविड संक्रमण के बढ़ रहे रोगियों को देखते हुए जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने सभी आईआरटी टीमों को वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से निर्देश दिये कि वे ओर संक्रियता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि संक्रमित रोगीयों को कोविड चिकित्सालय, कोविड केयर सेन्टरों के साथ ही होम-आईसोलेशन भी किया जा रहा है, इसलिए सभी आईआरटी टीमें अपने क्षेत्र में रात्रि हेतु चिकित्सा टीमें तैनात रखें। उन्होंने कहा कि रोगी एंव रोगी की देखभाल करने वाले व्यक्ति नियमित रूप से अपने स्वस्थ्य की अनुश्रव करें तथा गम्भीर लक्षण विकसित होने पर तत्काल चिकित्सीय सहायता हेतु कन्ट्रोल रूम अथवा आईआरटी टीम को सुचित करें। एम्बुलेस अन्यत्र जगह व्यस्त होने अथवा उपलब्ध नहीं होने पर रोगी एंव देखभाल कर्ता, परिवारजन के पास वाहन उपलब्ध होने पर स्वंय वाहन से रोगी को उपचार हेतु डाॅ० सुशीला तिवारी चिकित्सालय तक लाया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व में विभिन्न प्रकार की आपदाओं में अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा कार्य किया गया है, मगर कोविड महामारी आपदा लम्बे समय से चल रही है तथा शासन द्वारा समय-समय पर आवश्यकतानुसार नये नये गाईड लाईन भी जारी किये जा हैं। ऐसे में कोविड संक्रमण से बचाव में लगे अधिकारी, कर्मचारी सवाधानियाँ बरतते हुए रणनीत बनाकर स्वंय व स्टाफ को बचाते हुए कार्य करें ताकि कार्य प्रभावित नहीं हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का उत्साहवर्धन भी करें। उन्होंने कोविड-19 के बढ़ते रोगियों को दृष्टिगत रखते हुए नैनीताल व भीमताल में एक-एक और कोविड केयर सेन्टर संचारित के निर्देश भी दिये।
जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने कहा कि शासन द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में होम-आइसोलेशन के लिए कोविड-19 संक्रमित रोगी को चिकित्सक की अनुमति लेना अनिवार्य है, साथ ही उपचार प्रदान करने वाले चिकित्सक के द्वारा होम-आइसोलेशन हेतु पात्र व्यक्ति को लक्षणरहित रोगी के रूप में चिन्हित किया गया हो तथा घर में रोगी की चैबीस घंटे देखभाल करने वाला व्यक्ति उपलब्ध हो, साथ ही रोगी के निवास पर स्वयं को आइसोलेट करने एवं परिजनों को कोरेन्टीन करने की सुविधा हो व घर मे रोगी के लिए एक अलग से शौचालय युक्त कक्ष तथा देखभाल कर्ता के लिए अतिरिक्त शौचालय युक्त कक्ष तथा अन्य परिवारजनों के लिए भी न्यूनतम एक शौचालय युक्त कक्ष अनिवार्य है। होम-आइसोलेशन व्यक्ति को आइसोलेशन अवधि के दौरान सम्बन्धित चिकित्सालय से सम्पर्क बनाये रखना होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे रोगी जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है या अन्य बीमारी जैसे गर्भवती महिलायें, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे, एचआईवी, अंग प्रत्यारोहित तथा कैंसर का उपचार प्राप्त करने वाले कमजोर व्यक्तियों को होम-आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति होम-आइसोलेशन रहता है उसे आरोग्य सेतु एप्प को मोबाइल में डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि होम आइसोलेट रोगी को अपने स्वास्थ्य के नियमित अनुश्रवण के दायित्यों का निर्वहन करना होगा तथा जिला सर्विलांस अधिकारी को नियमित इसकी सूचना देनी होगी। उन्होंने कहा कि रोगी को सैल्फ आइसोलेशन हेतु एक अन्डरटेकिंग देनी होगी तथा रोगी एवं देखभाल करने वाले को क्वारेटीन गाइड लाइन का अनिवार्य रूप से अनुपालन करना होगा। उन्होंने कहा कि जनपद में मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा गठित टीम द्वारा होम आइसोलेशन की सुविधाओं की सघन जाँच के उपरांत ही होम आइसोलेशन की स्वीकृति दी जायेगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ० भागीरथी जोशी ने सभी सीआरटी, बीआरटी टीमों को निर्देश दिये कि वे होम आईसोलेशन घरों के बाहर ओईसोलेशन स्टीकर लगाना सुनिचित करेगें तथा नियमित माॅनिटरिंग भी करेगें।
वीडियो काॅन्फ्रेसिंग में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, सिटी मजिस्टेªट प्रत्यूष सिंह, पुलिस अधीक्षक नगर अमित श्रीवास्तव, एसीएमओ डाॅ० रश्मि पंत, डाॅ० टी के टम्टा, उपजिलाधिकारी विवेक राय, गौरव चटवाल, विनोद कुमार, विजय नाथ शुक्ला, अनुराग आर्य, सीएमएस डाॅ केएस धामी, डाॅ० ऊषा जगपागी सहित सभी आईआरटी टीमें मौजूद थी।