दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत
- कुम्भ मेले में सभी व्यवस्थायें पुख्ता : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत
- केंद्र की गाईडलाईन के अक्षरशः पालन के साथ संतों और श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल।
- जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरदाश्त नहीं, अधिकारियों को 75 दिन का वर्कप्लान बनाने के निर्देश।
- मुख्यमंत्री ने वर्चुअल प्रेस वार्ता में मीडिया को दी जानकारी।
आकाश ज्ञान वाटिका, 1 अप्रैल 2021, गुरूवार, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। भारत सरकार की गाईडलाईन का पूरा पालन किया जाएगा, साथ ही इस बात की भी पूरी कोशिश की जा रही है कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोकटोक का सामना न करना पड़ा। साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चाकचौबंद की गई है। बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संत महात्मा और श्रद्धालु उत्साहित हैं। पिछले स्नान में पहली बार हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
केंद्र से मिला पूरा सहयोग, सैंकडों करोड़ के अवस्थापनात्मक और विकास कार्य हुए
कुम्भ मेले के तहत कराए गए विभिन्न कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही भारत सरकार द्वारा कुम्भ मेला के लिए 700 करोड़ रूपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। नमामि गंगे द्वारा सफाई व्यवस्था (शौचालय तथा डस्टबिन) के दृष्टिगत रू० 58 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गयी, जिसके अन्तर्गत 11800 अस्थाई शौचालय एवं 6674 अस्थाई मूत्रालयों की स्थापना की गयी है। नमामि गंगे द्वारा सुन्दर कुम्भ मेला की दृष्टि से 1 करोड़ रुपए की धनराशि पेन्ट माई सिटी कैम्पेन के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गयी। नमामि गंगे द्वारा 78 चेजिंग रूम हेतु रू० 50 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 9 स्नान घाटों एवं आस्था पथ हरिद्वार व मुनिकीरेती लागत रु० 4964.65 लाख का निर्माण कराया गया, घाटों की कुल लम्बाई है 1133 मी० एवं आस्था पथ की लम्बाई 2405 मी० है। आस्थापथ ऋषिकेश का पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा कार्य-लागत रू० 1157.65 लाख का कार्य कराया गया है, जिसकी कुल लम्बाई 2.08 कि०मी० है। स्थाई रूप से कुल 157.65 कि०मी० सड़कों लागत रू० 12751.26 लाख का निर्माण कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 8 स्थाई सेतुओं लागत रू० 6398.50 लाख का निर्माण कराया गया है, जिनकी कुल लम्बाई 541 मीटर है। पेयजल व्यवस्था के लिए 4 आई वैल, 1 आर०बी०एफ० तथा 4 ट्यूबवैल कुल लागत रू० 1216 लाख का निर्माण कराया गया, जिससे कुल 19.18 एम.एल.डी. अतिरिक्त पेयजल प्राप्त होगा। 8.5 कि०मी० नई सीवर लाईन लागत रू० 487 लाख की बिछाई गयी, जिससे 2312 परिवार लाभान्वित हुये। 25 कि०मी० भूमिगत केबल परियोजना लागत रू० 301 करोड़ का कार्य कराया गया जिससे 22500 उपभोगक्ता लाभान्वित हुयें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौन्दर्यीकरण के दृष्टि से 15 चैराहों लागत रू० 600 लाख तथा 123 पार्को लागत रू० 1100 लाख का सौन्दर्यीकरण कार्य कराया गया। सफाई व्यवस्था के दृष्टिगत लगभग 9000 स्वच्छकों की तैनाती मेलावधि में की जा रही है। हर की पैडी का जीर्णोद्धार एवं रोडी बेलवाला का स्थल विकास लागत रू० 34 करोड का कार्य कराया गया। मीडिया कर्मियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सैन्टर लागत रू० 257.51 लाख की स्थापना की गयी है।
कुम्भ में स्वास्थ्य सुविधाओं और क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 150 बैड अस्पताल लागत रू० 222.02 लाख की स्थापना की गयी है। उ०प्र० से डाक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। 463 बैड क्षमता के 39 अस्थाई चिकित्सालयों हेतु उपकरण, दवाईयां, मक्खी-मच्छर नियंत्रण एवं अस्थाई कार्मिकों, श्रमिकों की व्यवस्था हेतु लगभग रू० 7015.83 लाख की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट पर भी खासतौर पर फोकस किया गया है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा हेतु पुलिस सर्विलांस सिस्टम लागत रू० 17.34 करोड़ की स्थापना की गयी है। कुम्भ मेला अवधि हेतु लगभग लागत रू० 118.39 लाख से अस्थाई नेत्र कुम्भ की स्थापना की गयी है।