देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित अस्पताल में भी अब कोरोना के मरीजों का किया जाएगा उपचार, आवश्यक सुविधा युक्त 130 बेड की होगी व्यवस्था
आकाश ज्ञान वाटिका, 24 अप्रैल 2021, शनिवार, देहरादून। छावनी परिषद देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित अस्पताल में भी अब कोरोना के मरीजों का उपचार किया जाएगा। इसे कोविड-हॉस्पिटल में तब्दील किया जा रहा है। अस्पातल में आवश्यक सुविधा युक्त 130 बेड की व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने छावनी परिषद की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन को अस्पताल में कोविड-19 के दृष्टिगत आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव को भी इस संबंध में आवश्यक सहयोग प्रदान करने को कहा है। उन्होंने अस्पताल परिसर में साफ-सफाई व शौचालय आदि की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री गणोश जोशी भी उपस्थित थे।
मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के अंदर इस अस्पताल परिसर में 130 बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी। इससे यहां पर भी पीड़ितों को उपचार उपलब्ध कराया जा सकेगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब राज्य सरकार तमाम विकल्प खंगाल रही है। इसी के तहत राजपुर स्थित शाक्या अस्पताल में भी कोविड केयर सेंटर स्थापित करने की तैयारी है। सैनिक कल्याण मंत्री गणोश जोशी ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। बताया गया कि 60-70 बेड की व्यवस्था यहां हो सकती है। मंत्री ने जिलाधिकारी को जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कॉलेज व कोरोनेशन अस्पताल में 60-70 ऑक्सीजन बेड अगले दो दिन में शुरू हो जाएंगे। स्पोट्र्स कॉलेज में संचालित कोविड-केयर सेंटर में ऑक्सीजन बेड के लिए सेटअप लगभग तैयार है। वहीं तीन चिकित्सक, पांच स्टाफ नर्स व दो फिजीशियन (ऑनकॉल) भी मिल गए हैं। बस अब सीपीयू मिलने का इंतजार है। सेंटर के इंचार्ज डॉ. रचित गर्ग ने बताया कि यहां 200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है। जिनमें 30-40 बेड तुरंत ही शुरू कर दिए जाएंगे। उधर, कोरोनेशन अस्पताल की नई इमारत में भी ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था बना ली गई है। फिलवक्त ऑक्सीजन लाइन की टेस्टिंग की जा रही है। वहीं स्टाफ की डिमांड भी विभाग को भेजी गई है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि स्टाफ मिलते ही मरीज भर्ती किए जाने लगेंगे। करीब 30 ऑक्सीजन बेड एकाध दिन में ही शुरू कर दिए जाएंगे।