Breaking News :
>>केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव- 1200 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई, पोलिंग पार्टियां हुई रवाना >>महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर हमला, गंभीर रूप से घायल>>पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित की>>पुष्पा 2: द रूल का धांसू ट्रेलर रिलीज, पुष्पराज बन फिर छाए अल्लू अर्जुन, श्रीवल्ली के रूप में रश्मिका ने लूटी महफिल>>चारधामों के कपाट विधि- विधान से बंद होने के साथ ही छह माह के लिए चारधाम यात्रा का पूर्ण रूप से हुआ समापन>>डीटीसी के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल से धुंध के बीच बसों का इंतजार कर रहे यात्री >>सर्दियों में महिलाओं को पहनने चाहिए ये 5 तरह के बूट, स्टाइल से नहीं होगा समझौता>>शासन के सचिवों की गैर मौजूदगी पर सीएस राधा रतूड़ी सख्त>>मुख्यमंत्री धामी को अचानक अपने बीच देखकर चौंक गए व्यापारी>>वायु प्रदूषण की जंग को गंभीरता से लेना होगा>>बिना प्रोटोकॉल व सुरक्षा के गैरसैंण पहुंचे सीएम धामी>>आकर्षण का केंद्र बने हैं उत्तराखंड के शिल्पियों के उत्पाद- महाराज>>शिक्षा विभाग को विज्ञान वर्ग में मिले 157 अतिथि प्रवक्ता>>ऋषिकेश नगर निगम ने दिखाई प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन की राह>>‘कुबेर’ की पहली झलक आई सामने, धनुष-नागार्जुन की जोड़ी ने मचाया धमाल>>केदारनाथ उपचुनाव- चोपता में पकड़ी गई अवैध शराब, कांग्रेसियों ने किया जमकर हंगामा>>राजधानी दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण, छठी से 11वीं कक्षा को ऑनलाइन पढ़ाने का लिया गया फैसला>>ब्राजील दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, जी 20 शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा>>केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए आज शाम 5 बजे बंद हो जाएगा प्रचार- प्रसार का शोर >>खाली पेट फल खाने के फायदे हैं या नुकसान? जानें सच्चाई
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंधार्मिक

कोविड-19 का भय, कोहरा एवं कड़ाके की सर्दी भी नहीं रोक पायी श्रद्धालुओं के कदम : हरकी पैड़ी पर उमड़ा श्रृद्धालुओं की हुजूम

 आकाश ज्ञान वाटिका, १४ जनवरी २०२१, गुरूवार। कोरोना संक्रमण-कोहरे और मौसम की मार भी आस्था के कदम न रोक सकी, कोविड-19 गाइड लाइन की सख्ती और बिना कोरोना जांच (निगेटिव) के हरिद्वार न आने प्रशासनिक सलाह को दरकिनार कर गुरुवार को मकर संक्रांति पर्व पर पतित पावनी गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने श्रृद्धालुओं की हुजूम हरकी पैड़ी पर उमड़ पड़ा। इसी दिन सूर्य देव के बृहस्पति सहित अन्य पांच ग्रहों के साथ विशेष षडग्रही योग बनाने से बने विशेष नक्षत्र संयोग में पुण्य प्राप्त करने की अभिलाषा बड़े-बूढ़ों संग महिलाओं और बच्चों को भी गंगा तट पर खींच ले आयी।

यही वजह रही कि धर्मनगरी हरिद्वार की हृदयस्थली ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर गंगा में अलसुबह शुरू हुआ पुण्य डुबकी का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान हर गंगा घाट हर-हर गंगे और जय मां गंगे के जय घोष से गुंजायमान रहे, हर किसी का एकमात्र उद्देश्य मकर संक्रांति के पुण्य काल में पतित पावनी गंगा में डुबकी लगा, दान-पुण्य कर पुण्य अर्जित करना था। स्नान के दौरान कोविड-19 गाइड लाइन के पालन को लेकर प्रशासनिक दावों के पालन को लेकर कहीं सख्ती नजर नहीं आयी। नतीजतन, श्रृद्धालु शारीरिक दूरी और मास्क लगाने की अनिवार्यता का पालन करते नहीं दिखे। अलबत्ता इसे लेकर लाउडीस्पीकर पर उद्घोषणा कर प्रशासनिक तंत्र अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में पूरी तरह मुस्तैद दिखा।

गुरुवार को विशेष नक्षत्र संयोग में हरकी पैड़ी सहित क्षेत्र के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान का क्रम शुरू हो गया था। हालांकि, हरिद्वार कुंभ का पहला पर्व स्नान माने जा रहे मकर संक्रांति पर्व पर कोविड-19 गाइडलाइन के पालन की सख्ती और कोरोना निगेटिव जांच की सलाह के चलते बनीं ऊहांपोह की स्थिति के कारण बाहर से आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों खासकर 2010 हरिद्वार कुंभ के लिहाज काफी कम नजर आयी। बावजूद इसके स्थानीय, बाहरी श्रृद्धालुओं में सदानीरा में आस्था की डुबकी लगाने के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। भोर से ही श्रद्धालुओं के हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड सहित अन्य गंगा स्नान घाट पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। कड़ाके की ठंड और भारी कोहरे के बीच सुबह के शुरू हुआ स्नान का क्रम दिन चढ़ने के साथ तेजी पकड़ता गया। पूरा दिन गंगा तट गंगा मैया के जयकारों से गुंजायमान रहे। गंगाद्वार हरिद्वार की हृदय स्थली हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा तटों पर स्नानार्थियों ने गंगा स्नान किया।

हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर अपेक्षाकृत भीड़ कम होने से श्रद्धालुओं को ब्रह्मकुंड पर डुबकी लगाने का पूरा मौका मिला। श्रद्धालुओं ने भाष्कर देवता को अर्घ्‍य चढ़ाकर गंगा में डुबकी लगाई। पितरों के निमित्त कर्मकांड भी कराये। सामान्य दिनों की अपेक्षा हरकी पैड़ी क्षेत्र में ब्रह्ममुहुर्त से ही खासी चहल-पहल रही। अनुमान से कम श्रद्धालुओं के पहुंचने से पुलिस प्रशासन को व्यवस्था संभालने में ज्यादा परेशानी नहीं आई। इस कारण आकस्मिक ट्रैफिक प्लान को लागू करने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं हुई। इसके बावजूद सभी जगहों पर  प्रशासनिक और सुरक्षाकर्मियों की भरपूर तैनाती नजर आई।

ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व का महत्व  इसके गुरुवार को होने और सूर्यदेव के बृहस्पति सहित अन्य पांच ग्रहों के साथ षडग्रही योग बनाने से बढ़ गया है। यह अपने आप में बहुत बेहद महत्वपूर्ण है, इससे पहले वर्ष 1962  में अष्ट ग्रहों का योग बना था। इसके अलावा हरिद्वार में इस वर्ष गुम होने के कारण भी मकर संक्रांति पर्व का महत्व ज्यादा है, हालांकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और राज्य सरकार दोनों ने इसे कुंभ के स्नान का दर्जा नहीं दिया है। सरकार ने मेले का कोई नोटिफिकेशन भी अब तक जारी नहीं किया है, आमतौर पर कुंभ का नोटिफिकेशन 1 जनवरी को जारी हो जाता है। पर, इसका कोई असर मकर संक्रांति पर गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था पर नहीं पड़ा। हरिद्वार कुंभ के ट्रायल के तौर पर हरिद्वार जिला प्रशासन और कुंभ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हुए हैं।

तमाम ऊंहापोह और कोविड-19 गाइडलाइन की सख्ती की घोषणाओं के बीच मकर संक्रांति स्नान पर हरकी पैड़ी पर श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा इससे गद्गद नजर आयी। सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व पर गंगा स्नान श्रृद्धालुओं की आस्था का मामला है, इसे किसी सरकारी नोटिफिकेशन की जरूरत नहीं है। मकर संक्रांति पर्व स्नान मेले का हिस्सा है या नहीं, यह कोई मायने नहीं रखता है। श्रृद्धालु इस दिन विशेष पर पूरे श्रृद्धा

हरकी पैड़ी पर गंगा आरती में श्रृद्धालुओं की भारी शिरकत रही। हरकी पैड़ी की गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है। यहां ब्रह्मकुंड पर सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय श्रीगंगा सभा द्वारा गंगा आरती की जाती है। पुराणों के अनुसार भागीरथ की अथक तपस्या के बाद धरती पर जब गंगा का अवतरण हुआ और उन्होंने जिस दिन सांझ के समय हरिद्वार की धरती को स्पर्श किया था, उस दिन भगवान ब्रह्मा ने अन्य देवी-देवताओं के साथ यहीं पर गंगा जी की आरती की थी। उस दिन से ही हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर नित्यप्रति गंगा आरती का आयोजन होता है।

दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे फोरलेन के निर्माण और श्रृद्धालुओं की भीड़ के कारण जाम लगने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन इस बार मकर संक्रांति पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को जाम का झाम नहीं झेलना पड़ा। सुबह से ही हाइवे पर वाहनों का संचालन सुचारु रूप से होता रहा। पंडित दिनदयाल उपाध्याय पार्किंग के पास निर्माण कार्य चलने के कारण दोपहिया वाहन चालकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

कुंभ के पहले पर्व स्नान के तौर माने जा रहे मकर संक्रांति स्नान पर देव डोलियों को भी श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कराया। देव डोलियों को ढोल-नगाड़ों के साथ लाया गया था। श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना कर देव डोलियों को गंगा में स्नान कराया। श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी देव डोलियों को गंगा स्नान कराकर पुण्य अर्जित किया।

मकर संक्रांति पर जगह-जगह खिचड़ी प्रसाद का वितरण हुआ। कई स्थानों पर सार्वजनिक रूप से खिचड़ी बांटी गयी। हरकी पैड़ी श्री गुरू का लंगर पर अखिल भारतीय बिजनौरी महासभा ने श्रद्धालुओं को खिचड़ी के प्रसाद का वितरण किया।

गुरुवार को मकर संक्रांति स्नान के साथ ही शुभ कार्य भी शुरू हो गए हैं। अब होली पर होलाष्टक लगने से पहले तक विवाह के मुहूर्त के साथ अन्य शुभ कार्य भी संपन्न हो सकेंगे। मुंडन, यज्ञोपवीत आदि के लिए लोग सूर्य देव के उत्तरायण की प्रतीक्षा करते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शशर्मा शास्त्री के अनुसार कई लोग कामना करते हैं कि उनके प्राण उत्तरायण में निकलें, क्योंकि उत्तरायण में प्राण निकलने से मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!