Breaking News :
>>मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संविधान दिवस के अवसर पर ली शपथ>>संकाय सदस्यों की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों को मिली ताकत>>आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ मंजूर>>संभल हिंसा- हालात में सुधार, स्कूल खुले लेकिन इंटरनेट सेवा अभी भी बंद>>मंत्री गणेश जोशी ने आल इण्डिया गोरखा एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में किया प्रतिभाग>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने युवा पीढ़ी को दिलायी संविधान संवत् रहने की शपथ>>संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित >>पुष्पा 2 का गाना ‘किसिक’ रिलीज, अल्लू अर्जुन के साथ अदाओं का जलवा दिखाती नजर आईं श्रीलीला>>कोहरा शुरू होते ही ट्रेनों की रफ्तार औसत 110 किमी प्रति घंटा से घटाकर की गई 75 किमी प्रति घंटा >>क्या आपके बच्चों को भी है मीठा खाने की लत? छुड़वाने के लिए अपनाएं ये तरीके>>ईएसआई कवरेज की धीमी प्रक्रिया पर मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी>>अमेरिकी इतिहास में एक नए दौर की शुरुआत ट्रंप की जीत>>श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि>>मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम बनेगा गैरसैंण ब्लाक का सारकोट गांव>>उत्तराखण्ड के नये डीजीपी ने किया कार्यभार ग्रहण>>वनवास का गाना ‘यादों के झरोखों से’ जारी, सोनू निगम और श्रेया घोषाल ने लगाए सुर>>दिल्ली सरकार ने बुजुर्गों को दिया बड़ा तोहफा, वृद्धा पेंशन फिर से की शुरू >>भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच में 295 रनों से हराया>>उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण- प्रियंका गांधी>>दीपम सेठ बने उत्तराखण्ड के नये डीजीपी
देशराजनैतिक-गतिविधियाँ

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा : चीन के मुद्दे पर पीएम मोदी को आगे आकर बातचीत करनी चाहिए

आकाश ज्ञान वाटिका, 9 जून 2020, मंगलवार। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘भारतीय क्षेत्र पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ’ पर चर्चा के लिए संसदीय सत्र बुलाना चाहिए। सिंह ने ट्वीट किया, ‘भारतीय संसद में चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर चर्चा के लिए पीएम को संसद का सत्र बुलाना चाहिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसी भी तथ्य को स्वीकार नहीं किया है। हम समझते हैं कि मोदी, पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं हैं, लेकिन मुद्दे की गंभीरता को देखते संसद में चर्चा की मांग करते हैं।’

ज्ञात हो, भारत और चीन के बीच सीमाओं पर काफी दिनों से विवाद चल रहा है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत भी हो रही है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारी सैन्य निर्माण को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद गहराया। चीन पर आरोप है कि वह पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 5,000 से अधिक सैनिकों को लेकर आया। चीनी सेना के इरादों- गहरी तैनाती करने के इरादे की भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा त्वरित जांच की गई।

चीन ने इतना ही नहीं भारत से लगती सीमा पर तोपें और भारी हथियार जमा किए। बताया गया कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन ने बेस कैंप में तेजी से तोपों, टैंकरों और भारी सैन्य उपकरण के भंडारण को बढ़ाया।

दिग्विजय ने याद दिलाई 1962 की लड़ाई

दिग्विजय सिंह ने हाल में चल रहे भारत-चीन मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच तुलना करते हुए 1962 की लड़ाई ध्यान में ला दी है। 1962 में भारत और चीन में युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भारत को जबरदस्त हानि उठानी पड़ी थी। भारत और चीन के बीच हुए 1962 के युद्ध को आजतक कोई नहीं भुला पाया है। यह एक ऐसी टीस है जो हर बार उभर कर सामने आ ही जाती है। इसकी कसक आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। इस युद्ध का असर आज भी दोनों देशों के रिश्तों पर साफतौर से दिखाई देता है।

अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद भारत का यह पहला युद्ध था। एक माह तक चले इस युद्ध में भारत के 1383 सैनिक मारे गए थे जबकि 1047 घायल हुए थे। 1696 सैनिक लापता हो गए थे और 3968 सैनिकों को चीन ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं चीन के कुल 722 सैनिक मारे गए थे और 1697 घायल हुए थे। 14 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़े गए इस युद्ध में भारत की तरफ से महज बारह हजार सैनिक चीन के 80 हजार सैनिकों के सामने थे। इस युद्ध में भारत ने अपनी वायुसेना का इस्तेमाल नहीं किया जिसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कड़ी आलोचना भी हुई।

युद्ध के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर दबाव आया जिन्हें भारत पर चीनी हमले की आशका में असफल रहने का जिम्मेदार ठहराया गया। भारत पर चीनी आक्रमण की आशका की अक्षमता के कारण, प्रधानमंत्री नेहरू को चीन के साथ होने शातिवादी संबंधों को बढ़ावा के लिए सरकारी अधिकारियों से कठोर आलोचना का सामना करना पड़ा।

उस दौरान भारतीय राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा था कि नेहरू की सरकार अपरिष्कृत और तैयारी के बारे में लापरवाह थी। नेहरू ने स्वीकार किया था कि उस वक्त भारतीय अपनी समझ की दुनिया में ही रहते थे। जहां सेना के पूर्ण रूप से तैयार नहीं होने का सारा दोष रक्षा मंत्री मेनन पर आ गया, जिन्होंने अपने सरकारी पद से इस्तीफा दे दिया ताकि नए मंत्री भारत के सैन्य आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे सकें। हालांकि, अब बात कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह के मोदी के नेहरू जैसे ना होने के बयान पर पार्टी के आलाकमान से क्या बयान आता है। यह देखना दिलचस्प होगा।

हाल के विवाद पर जताई सहमति

मोदी सरकार के कार्यकाल में 2-3 बार ऐसा हुआ जब भारत-चीनी सेना आमने-सामने थी। हालांकि, हर मोर्चे पर भारत की सेना डटी रही। दोनों सेनाओं के बीच तना तनी की तस्वीरें और वीडियों भी सामने आइ। अब हाल ही में एक बार फिर भारत और चीन की सेना एक दूसरे के सामने थे, जहां हर दिन के साथ तनाव बढ़ा और फिर 6 जून, 2020 को भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर चर्चा और समाधान के लिए एक बैठक हुई। बाद में, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि दोनों देशों ने सैन्य और राजनयिक व्यस्तता को जारी रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्वक समाधान के लिए सहमति व्यक्त की है।

भारत के आत्‍म सम्‍मान पर नहीं पहुंचने देंगे चोट

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हम यकीन दिलाते हैं कि भारत के आत्‍मसम्‍मान और स्‍वाभ‍िमान पर चोट नहीं पहुंचने देंगे। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीनी सेना के साथ जारी गतिरोध के मसले पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन इसे सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं जिसके नतीजे सकारात्मक रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि देश का नेतृत्‍व मजबूत हाथों में है और हम देश के मान, सम्मान और स्वाभिमान पर चोट बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!