मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन से आपदा राहत कार्यों एवं सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के बारे में प्राप्त की जानकारी
- आपदा में मृतकों के परिजनों को सहायता राशि अविलंब दी जाए : मुख्यमंत्री
आकाश ज्ञान वाटिका, 10 फ़रवरी 2021, बुधवार, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन से आपदा राहत कार्यों और सर्च व रेस्क्यू आपरेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने सर्च व रेस्क्यू के काम को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की कमी न हो। जिन मृतकों की पहचान हो जाए, उनके आश्रितों को राहत राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए। जिन शवों की शिनाख्त न हो पा रही हो, उनके डीएनए रिकार्ड सुरक्षित रखे जायें।
[box type=”shadow” ]आपदा में मृत पुलिसकर्मियों को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
- मुख्यमंत्री ने तपोवन में भीषण आपदा में मृत हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया को नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। बुधवार को कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया और मंगलवार को हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
- मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु का होना बहुत दु:खद है। रैणी व तपोवन क्षेत्र में भीषण त्रासदी में सभी मृतकों के प्रति संवदेना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए आपरेशन पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है। सर्च एंड रेस्क्यू के साथ ही आपदा राहत कार्यों की उच्च स्तर से लगतार मॉनिटरिंग की जा रही है।[/box]
मंगलवार रात्रि और बुधवार को भी जारी रहा सर्च एंड रेस्क्यू आपरेशन
- चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के चौथे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 34 शव मिल गए हैं जबकि 170 लोग अभी लापता हैं। पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कम्पनी के 2 व्यक्ति सुरक्षित अपने आवास पर पाए गए हैं। तपोवन मे टनल मे फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी है। यहाँ पर करीब 25 से 35 लोग टनल मे फंसे हैं जिनको बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
- प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 2 मेडिकल टीमें, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस, दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर आदि मशीनें लगाई गई हैं।
स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 3 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।
प्रभावित गाँवों को भेजी जा रही है राशन और जरूरी सामग्री
- आपदा में सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गाँवों के 360 परिवार प्रभावित हुए है। सडक संपर्क से कटे इन गांवो मे हैली से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है। गाँवों में फसे लोगों को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा० आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री भेजी जा रही हैं।
प्रभावित गाँवों में बिजली और पेयजल आपूर्ति
- पैंग और मुराडा को छोडकर बाकी सभी 11 गाँवों में विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। पैंग व मुरंडा मे सोलर लाइट भेजी गई है। उरेडा द्वारा 100 सोलर लाईटों से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। आपदा से 11 गाँवों में पेयजल लाईनें प्रभावित हो गई थीं। इनमें से 10 गाँवों में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। शेष 1 में काम चल रहा है।
ट्राली से वैकल्पिक व्यवस्था
- तपोवन, रैणी, जुआग्वाड में आवाजाही के लिए ट्राली व वैली ब्रिज से वैकल्पिक व्यवस्था बनायी जा रही है।