बुजुर्ग और गरीब लोक कलाकारों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बड़ी सौगात : प्रति माह मिलेंगे 4 हजार रुपये और 1 करोड़ का स्वास्थ्य बीमा
आकाश ज्ञान वाटिका, 1 अप्रैल 2021, गुरूवार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुजुर्ग और गरीब लोक कलाकारों को बड़ी सौगात दी है। सीएम योगी के प्रयासों से प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र सरकार की ओर से 65 कलाकारों को न सिर्फ हर महीने चार हजार रुपए पेंशन, बल्कि उन्हें और उनके आश्रितों को एक करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर भी स्वीकृत किया गया है। इतना ही नहीं, इस साल के अंत तक प्रदेश में ऐसे दो हजार और कलाकारों को पेंशन और बीमा का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक कला और लोक कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं। उनका लोक कला और लोक कलाकारों के उत्थान को लेकर प्रेम किसी से छिपा नहीं है। इसी के मद्देनजर लोक कला और लोक कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश स्तर पर कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने ऐसे वृद्ध और विपन्न कलाकार, जिन्होंने अपना पूरा जीवन कला और संस्कृति की आराधना में लगा दिया है, लेकिन वृद्धावस्था और खराब स्वास्थ्य के कारण वह अपनी जीविका उपार्जन में असमर्थ हो गए हैं। संस्कृति विभाग की ओर से ‘वृद्ध और विपन्न कलाकारों को मासिक पेंशन योजना’ के तहत हर माह दो हजार रुपए पेंशन दिया जा रहा है।
संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर का कहना है कि प्रदेश में अभी तक 376 वृद्ध और विपन्न कलाकारों को संस्कृति विभाग की ओर से पेंशन दी जा रही है। केंद्र सरकार की मदद से इस वर्ष इसे और बढ़ाकर ऐसे दो हजार कलाकारों को चार हजार रुपये प्रति माह पेंशन और एक करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर देंगे।
सीएम योगी के प्रयास से पहली बार केंद्र सरकार ने प्रदेश के 65 बुजुर्ग और विपन्न कलाकारों को पेंशन और परिवार सहित एक करोड़ तक का स्वास्थ्य बीमा दिया है। संस्कृति मंत्रालय की ओर से ‘स्कीम फॉर पेंशन एंड मेडिकल एड टू आर्टिस्ट’ में ऐसे बुजुर्ग कलाकारों को पेंशन दिया जा रहा है, जिन्होंने कला और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन वृद्धावस्था के कारण कठिनाई और गरीबी में जीवन यापन करना पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार की ओर से बुजुर्ग और विपन्न 376 कलाकारों को दो हजार रुपये प्रति माह पेंशन के रूप में दिए जाते थे, लेकिन अब उन्हें केंद्र सरकार की योजना के कारण चार हजार रुपये प्%E