देहरादून में एम्बुलेंस के किराये की दरें तय, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के चेयरमैन सचिन जैन एवं प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती मधु जैन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का किया आभार व्यक्त
[highlight]मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के चेयरमैन सचिन जैन एवं प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती मधु जैन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं जिलाधिकारी डॉ० आशीष कुमार श्रीवास्तव का आभार व्यक्त किया ।[/highlight]
- जागरूक नागरिक बनें । अवैध वसूली, कालाबाज़ारी, जमाखोरी एवं फ्रॉड के मामले शासन प्रशासन के संज्ञान में लायें।
[box type=”shadow” ]मानवधिकार एवं समाजिक न्याय संगठन के चैयरमेन सचिन जैन ने कहा कि वैश्विक महामारी COVID-19 के दौरान कुछ लोग को आपदा को अवसर में तब्दील किए हुए थे, ऐसे में एंबुलेंस संचालकों ने बहुत ही ज्यादा भ्रष्टाचार फैला रखा था। अंतिम संस्कार और हॉस्पिटल ले जाने के लिए मनमाना किराया वसूल रहे थे, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा त्वरित कार्रवाई कर निश्चित दरें तय कर दी गई।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का धन्यवाद देते हुए संगठन के चैयरमेन सचिन जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस प्रयास से जनता को अत्यधिक राहत मिलेगी क्योंकि जो एंबुलेंस वाले मनमाना किराया वसूल रहे थे, अब वह मनमानी नहीं कर पायेंगे। उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा निर्देश जारी कर दिया गया है कि अगर कोई एंबुलेंस चालक मनमाना किराया वसूलता है और तय दर से अधिक रूपये लेते हुए पाया जाता है उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे जनता को राहत मिलेगी। मा० मुख्यमंत्री के युद्ध स्तर पर किए जा रहे प्रयासों से जनता को राहत मिल रही है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत युद्ध स्तर पर इस करोना काल में कार्य कर रहे हैं। मेरा मा० मुख्यमंत्री करबद्ध निवेदन है कि जनता की समस्या को देखते हुए, उन समस्याओं को दूर कर आम जन मानस की भलाई के लिए भविष्य में भी कदम उठाते रहेंगे। संगठन के चैयरमेन सचिन जैन ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया।[/box]
[box type=”shadow” ]कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में जहाँ एक ओर स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी, सरकार, शासन-प्रशासन एवं कई सामाजिक संस्थायें रात-दिन कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे परिवारों की हर सम्भव मदद करने में जुटे हैं एवं गरीबों व असहाय जनों के घर भी चूल्हा जलता रहे, इसका भी ख्याल रख रहे हैं; वही कुछ ऐसे भी लोग है जो इस संकट की घड़ी में भी अपनी तिजौरी भरने के लिए अवैध कार्य करने में गुरेज नहीं कर रहे हैं।
हद तो तब हो जाती है जब कोई पीड़ित परिवार अपने घर के या किसी सगे सम्बन्धी को खो देता है और अपने ऊपर टूटे इस पहाड़ रूपी दुःख के पश्चात् उसे उसके अंतिम संस्कार करने के लिए भी सोचना पड़ता है तथा एम्बुलेंस से लेकर दाह संस्कार तक के लिए उससे अवैध वसूली की जाती है।
ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया कि राजधानी के दून अस्पताल में हाल ही एक व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु हो जाती है तो एम्बुलेंस ड्राइवर शव को दून अस्पताल से रायपुर स्थित कोविड शव दाह गृह तक ले जाने का 3000 रूपये किराया माँगता है। इतना ही नहीं कोरोना से मृत्यु होने के कारण कोई अन्य रिस्तेदार नहीं आ पाए और केवल एक ही व्यक्ति वहाँ पर मौजूद थे तो कोविड शव दाह गृह रायपुर पर शव को ढोने के लिए चार लोगों ने उनसे 1000 रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से माँगे तथा कोविड शव दाह गृह में दाह संस्कार हेतु 5300 रूपये माँगे गए। इस तरह उक्त पीड़ित परिवार के रिस्तेदार जो वहाँ साथ थे, उन्होंने कुल 13000 रूपये दून अस्पताल से शव को एम्बुलेंस में ले जाने से लेकर, रायपुर शव दाह गृह में अंतिम संस्कार होने तक खर्च किये। दुःख की इस घड़ी में जिस व्यक्ति के पास पैसों का आभाव होगा और उस पर कोरोना की मार पड़ गयी तो वह किस तरह के अपने मृत्य सगे-सम्बन्धी का अंतिम संस्कार करेगा, यह एक सोचनीय एवं पीड़ा दायक विषय है।
उक्त घटना मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के एक सदस्य जितेंद्र कुमार डन्डोना द्वारा संज्ञान में लायी गयी। उन्होंने अपने ब्रदर-इन-लॉज़ को कोरोना के कारण खोया। वह खुद ही उनके साथ दून अस्पताल में मौजूद थे। कोरोना संक्रमण के डर से कोई अन्य रिस्तेदार व घर के लोग नहीं आ पाए, इसलिए जितेंद्र कुमार डन्डोना द्वारा अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गयी। उनका कहना है कि दुःख की इस घड़ी में उन्होंने 13000 रूपये मृत्यु आत्मा के अंतिम संस्कार करने तक का दिया क्योंकि उनकी मजबूरी थी और मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा था; लेकिन यदि किसी व्यक्ति के पास इस कोरोना काल में इतने रूपये नहीं होंगे तो उस व्यक्ति के ऊपर क्या गुजरेगी, जिसने अपना सगा-सम्बन्धी तो खोया ही लेकिन अब अंतिम संस्कार में भी अपने आप को असमर्थ/असहाय महसूस कर रहा है।
मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के चेयरमैन सचिन जैन एवं प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती मधु जैन द्वारा उक्त प्रकरण का संज्ञान लेते हुए, इसे सरकार एवं प्रशासन तक पहुँचाया, जिस पर सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाही कर देहरादून में एम्बुलेंस की दरें एवं कोरोना के कारण मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार की दरें निश्चित की गयी।
मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन के चेयरमैन सचिन जैन एवं प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती मधु जैन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं जिलाधिकारी डॉ० आशीष कुमार श्रीवास्तव का आभार व्यक्त किया कि उपरोक्त घटनाओं का संज्ञान लेकर इन पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाये गए।[/box]
[box type=”shadow” ]एम्बुलेंस की दरें:
- सामान्य एम्बुलेंस का ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ बिना एसी के 800 रूपये 15 किलोमीटर तक का एकतरफा किराया होगा। 15 किलोमीटर से दूरी अधिक के लिए प्रति किलोमीटर 18 रूपये अतिरिक्त देना होगा।
- सामान्य एम्बुलेंस का ऑक्सीजन सिलिंडर व एसी के साथ 1200 रूपये 15 किलोमीटर तक का एकतरफा किराया होगा। 15 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए प्रति किलोमीटर 20 रूपये अतिरिक्त देना होगा।
- आई.सी.यू. कार्डियक एम्बुलेंस का 3000 रूपये 15 किलोमीटर तक का एकतरफा किराया होगा। 15 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए प्रति किलोमीटर 45 रूपये नर्सिंग स्टाफ के साथ एवं 50 रूपये प्रति किलोमीटर डॉक्टर के साथ देना होगा।[/box]