Breaking News :
>>कोहरा शुरू होते ही ट्रेनों की रफ्तार औसत 110 किमी प्रति घंटा से घटाकर की गई 75 किमी प्रति घंटा >>क्या आपके बच्चों को भी है मीठा खाने की लत? छुड़वाने के लिए अपनाएं ये तरीके>>ईएसआई कवरेज की धीमी प्रक्रिया पर मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी>>अमेरिकी इतिहास में एक नए दौर की शुरुआत ट्रंप की जीत>>श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि>>मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम बनेगा गैरसैंण ब्लाक का सारकोट गांव>>उत्तराखण्ड के नये डीजीपी ने किया कार्यभार ग्रहण>>वनवास का गाना ‘यादों के झरोखों से’ जारी, सोनू निगम और श्रेया घोषाल ने लगाए सुर>>दिल्ली सरकार ने बुजुर्गों को दिया बड़ा तोहफा, वृद्धा पेंशन फिर से की शुरू >>भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच में 295 रनों से हराया>>उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण- प्रियंका गांधी>>दीपम सेठ बने उत्तराखण्ड के नये डीजीपी>>पॉल्यूशन से बचने के लिए कौन सा मास्क बेहतर? यहां जानिए जवाब>>बेकाबू ट्रक की टक्कर से यूकेडी नेता समेत दो की मौत>>अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला संस्कृति व हस्तशिल की समृद्ध विरासत को देता है नयी पहचान- सीएम धामी>>देश के लिए चुनौती बने सड़क हादसे>>यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा ने किया बड़ा ऐलान >>हर्ष फायरिंग के दौरान नौ वर्षीय बच्चे को लगी गोली, मौके पर हुई मौत >>अपने सपनों के आशियाने की तलाश में हैं गायिका आस्था गिल>>केदारनाथ विधानसभा सीट पर मिली जीत से सीएम धामी के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी गदगद
ताज़ा खबरेंदेशस्वास्थ

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की ब्लैक फंगस के मामलों के लिए गाइड लाइंस

आकाश ज्ञान वाटिका, 10 जून 2021, गुरुवार, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHC) ने बुधवार को 18 साल से कम उम्र के किशोरों व बच्चों में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis or black fungus) के लिए दिशा निर्देश जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, म्यूकरमाइकोसिस गंभीर फंगस संक्रमण है जो स्टेरॉयड के गलत या अधिक मात्रा में इस्तेमाल, कैंसर, अंग या स्टेम सेल के प्रत्यारोपण, डायबीटिज को उपयुक्त तरीके से नियंत्रित न करने या फिर लंबे समय तक आइसीयू में इलाज की वजह से होता है। DGHC ने  गाइडलाइन में कहा, ‘म्यूकरमाइकोसिस का इलाज शुरू करने के लिए टेस्ट के नतीजों का इंतजार न करें क्योंकि यह एक इमरजेंसी है।’

साथ ही इसमें बताया गया है कि जिन्हें एंफोटेरिसिन बी (Amphotericin B) नहीं दिया जा सकता है उन्हें पोसाकोनाजोल (Posaconazole) दिया जाना चाहिए ।  इसमें बताया गया है कि 11 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इस दवा की खुराक कितनी होनी चाहिए।

गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि इलाज की शुरुआत में की गई दवा जरूरत पड़ने पर ही दोहराई जाए।

कोरोना से संक्रमित या कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन का मामला अधिक देखा गया। इसके कारण मरीज़ों की आंखों की रोशनी खत्म होने के बाद संक्रमण और न बढ़े इसके लिए आंखें निकालनी पड़ जाती है। जिन लोगों में डायबिटीज़ है, उनमें इसका संक्रमण देखा जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 रोगियों के उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग फंगल संक्रमण का एक कारण हो सकता है। म्यूकरमाइकोसिस गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से नाक, कान और गले के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान होता है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!