अक्षय तृतीया पर्व को भारतीय जैन मिलन के माध्यम से, सभी जैन बंधुओं ने दान दिवस के रूप में मनाया
आकाश ज्ञान वाटिका, रविवार, 26 अप्रैल, 2020, देहरादून। आज अक्षय तृतीया के अवसर पर भारतीय जैन मिलन के माध्यम से, सभी जैन बंधुओं ने लॉकडाउन का पालन करते हुए, श्री नरेश चंद जैन राष्ट्रीय महामंत्री संगठन और केंद्रीय महिला संयोजिका श्रीमती मधु जैन ने अक्षय तृतीया को दान दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर सेवा भारती संस्थान के जरूरतमंद लोगों को कच्चा राशन वितरित किया। इसके अतिरिक्त हमारे पुलिस कर्मचरियों, सफाई कर्मचारियों, पर्यावरण मित्रों एवं मजदूरों को छांछ, पानी की बोतल, मास्क व सैनिटाइजर भी दिए गए।
[box type=”shadow” ]इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन भारतीय जैन मिलन श्री नरेश चंद जैन ने अपने विचार रखते हुए सभी नगर वासियों को अक्षय तृतीया की बधाई दी और कहा कि भारतीय जैन मिलन, पूरे भारत में इस आपदा की घड़ी में सरकार के साथ है और कंधे से कंधा मिलाकर गरीब, असहाय लोगों एवं मजदूरों की सेवा राशन व खाद्य सामग्री प्रदान करते हुए कर रहा है। उन्होंने जैन समुदाय के लोगों से अधिक से अधिक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में सहयोग करने की अपील भी की।[/box]
[box type=”shadow” ]इस अवसर पर श्रीमती मधु जैन ने कहा कि दान दिवस के रूप में आज के दिन अक्षय तृतीया का पर्व जैन धर्म में बहुत महत्व रखता है। इस दिन राजा श्रेयांश ने प्रथम तीर्थंकर श्री 1008 आदिनाथ भगवान को 1 साल बाद (6 महीने तक में और 6 महीने बाद) प्रथम आहार गन्ने के रस से, भगवान का आहार दिया था। इस अवसर पर घर के परिवार जनों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजा अर्चना की एवं आधे घंटे का णमोकार मंत्र का पाठ भी किया। इस अवसर पर भगवान से प्रार्थना की कि वह कोरोना जैसी इस भयंकर महामारी से एकजुट होकर लड़ने की हम सब को शक्ति प्रदान करें।[/box]
इस अवसर पर मीडिया प्रमुख श्री सचिन जैन ने बताया कि हम देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भी आभारी है जिन्होंने इस पावन पर्व पर अपने मन की बात कार्यक्रम में सभी देशवासियों को अक्षय तृतीया पर्व की शुभकामनाएं दी ।
[box type=”shadow” ]णमोकार मंत्र संसार में सारभूत है, तीनों लोकों में इसकी तुलना के योग्य दूसरा कोई मंत्र नहीं है, समस्त पापों का यह शत्रु है, संसार का उच्छेद करने वाला है, भयंकर विष को हर लेता है, दुष्कर्मों को जड़ मूल से नष्ट कर देता है, इसी से सिद्धि-मुक्ति का दाता है, मोक्ष सुख का और केवज्ञान को उत्पन्न करने वाला है।
णमो अरिहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आयरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोए सव्व साहूणं ।
एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो ।
मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं ।[/box]