अटल पेंशन योजना – रोजाना 7 रुपये बचाकर 60 साल की उम्र के बाद हर महीने मिलेगी 5,000 रुपये की पेंशन
आकाश ज्ञान वाटिका। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपने भविष्य एवं खासकर वृद्धावस्था को लेकर चिंतित करते हैं। केंद्र सरकार ने असंगठित (अनऑर्गनाइज्ड) सेक्टर में काम करने वालों को सोशल सिक्योरिटी देने के लिए 2015 में अटल पेंशन योजना (APY) की शुरुआत की थी। इस योजना में निवेश करना ऐसे लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, जिनके पास रिटायरमेंट के बाद कोई वित्तीय आधार नहीं होता।
नरेंद्र मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत आप रोजाना 7 रुपये बचाकर 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 5,000 रुपये की पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। यह स्कीम कम आमदनी वाले लोगों के लिए या फिर ग्रामीण क्षेत्र में रहने के लिए काफी काम की है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी (एनएसडीएल) की वेबसाइट के मुताबिक 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक की आयु के लोग इस योजना से जुड़ सकते हैं। हालांकि, इस योजना का लाभ वे लोग ही उठा सकते हैं, जो इनकम टैक्स स्लैब से बाहर हैं। इस योजना में निवेश करने वालों को 60 साल का होने पर योगदान के हिसाब से 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का तय पेंशन मिलेगा।
योजना से जुड़ी अन्य आवश्यक जानकारियां:
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1. अटल पेंशन योजना (APY) से जुड़ने के लिए बैंक या डाकघर में खाता के साथ आधार कार्ड का होना जरूरी है।
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2. इस योजना का लाभ लेने के लिए हर महीने आपको एक छोटी सी राशि का अंशदान करना होता है। यह राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस आयु में इस योजना से जुड़ रहे हैं और आप किस पेंशन स्लैब को चुनते हैं। इसका मतलब है कि जितनी जल्दी आप इस योजना से जुड़ेंगे, आप उतना अधिक फायदे में रहेंगे।
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3.इस योजना से 18 वर्ष से 40 वर्ष तक की आयु के लोग जुड़ सकते हैं एवं इसका लाभ 60 वर्ष की आयु में मिलता है। इसलिए अटल पेंशन योजना से जुड़ने के लिए कम-से-कम 20 साल तक का योगदान आवश्यक है।
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4. इस योजना में मासिक, तिमाही एवं छमाही आधार पर योगदान किया जा सकता है।
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5. अटल पेंशन योजना के तहत पेंशनभोगी की मौत के बाद भी परिवार को आर्थिक मदद जारी रहती है। अगर 60 साल का होने से पहले ही योजना से जुड़े व्यक्ति की मौत हो जाती है तो फिर उसकी पत्नी इस योजना में पैसे जमा करना जारी रख सकती है। ऐसे मामले में वह हर महीने पेंशन प्राप्त सकती है। दूसरा विकल्प यह है कि उस व्यक्ति की पत्नी अपने पति की मौत के बाद एकमुश्त रकम के लिए दावा पेश कर सकती है। अगर पत्नी की भी मौत हो जाती है तो एक एकमुश्त रकम उनके नॉमिनी को दिये जाने का प्रावधान है।