Breaking News :
>>अब पर्वतीय क्षेत्रों में नये शहरों की होगी स्थापना- आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल>>जो देश हमारे साथ जैसा करेगा, हम भी उसके साथ वैसा ही करेंगे – डोनाल्ड ट्रंप >>खनन विभाग से सेवानिवृत्त बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या का दून पुलिस ने किया खुलासा>>प्रदेश में पहली बार बनाया जाएगा स्वास्थ्य परिचालन केंद्र, सरकार ने दी मंजूरी >>राज्यपाल ने वसंत उत्सव की फोटो प्रदर्शनी के विजेताओं को प्रदान किए पुरस्कार >>बॉक्स ऑफिस पर नहीं चला सोहम शाह की फिल्म ‘क्रेजी’ का जादू, दस दिनों में कमाए इतने करोड़ रुपए >>भारतीय जनता पार्टी ने की जिलाअध्यक्षों की घोषणा, देखें लिस्ट >>क्या आप भी करते हैं खाना खाने के तुरंत बाद योग, तो जान लीजिये इसके नुकसान>>मंगलौर की फैक्ट्री में खाद्य सुरक्षा टीम का छापा, बिना लाइसेंस के चल रहा था पनीर निर्माण>>प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर बदलेगा मौसम का मिजाज >>चैंपियंस ट्रॉफी 2025- भारत ने न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर खिताब किया अपने नाम>>सीएम ने कई विकास कार्यों का किया शुभारंभ व लोकार्पण >>कम होगा बच्चों के बस्ते का बोझ, माह में एक दिन रहेगा बैग फ्री डे>>सीएम के आत्मनिर्भर दीदी-भूली, जन स्वास्थ्य, सुगम सुविधा के संकल्प को आगे बढाता जिला प्रशासन>>पूर्व सीएम के बेटे को जिंदा होते हुए किया गया मृत घोषित, अदालत में की झूठी रिपोर्ट पेश >>राजकीय बालिका निकेतन के असहाय बच्चों के साथ खेल मंत्री ने देखा बसंतोत्सव>>गलत योग करने की वजह से हो सकती है कई परेशानियों, इन बातों का रखे ध्यान >>परमार्थ निकेतन आश्रम में आज से शुरू हुआ योग महोत्सव>>ब्रेकिंग- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बेचैनी और सीने में दर्द के चलते सीसीयू में कराया गया भर्ती >>भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला आज 
उत्तर-प्रदेशताज़ा खबरें

इलाहाबाद हाई कोर्ट का सवाल : क्या पंथनिरपेक्ष राज्य धार्मिक शिक्षा के लिए दे सकते फंड ?

आकाश ज्ञान वाटिका, 2 सितम्बर 2021, गुरुवार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की सलाह देने के साथ ही बुधवार को सरकार की तरफ से मदरसों को फंड मिलने पर भी आपत्ति जताई। हाई कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या पंथनिरपेक्ष राज्य धार्मिक शिक्षा के लिए फंड दे सकते हैं।

न्यायमूर्ति अजय भनोट ने प्रबंध समिति मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम की याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में सभी सवालों का जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से मान्यता और सहायता प्राप्त धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों जैसे मदरसों आदि के सरकारी वित्त पोषण पर राज्य सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट की पीठ ने राज्य सरकार से मान्यता और सहायता प्राप्त मदरसों और अन्य सभी धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम, शर्तें, मान्यता के मानक आदि उपलब्ध कराने को कहा।

मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम ने विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अध्यापकों के अतिरिक्त पदों का सृजन करने का इस याचिका में अनुरोध किया है। अदालत ने निर्देश 19 अगस्त को पारित किया था और हाल ही में इसे अपलोड किया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि क्या पंथनिरपेक्ष राज्य धार्मिक शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थानों (मदरसों)को फंड दे सकता है। क्या धार्मिकशिक्षा देने वाले मदरसे अनुच्छेद 25 से 30 से प्राप्त मौलिक अधिकारों के तहत सभी धर्मों के विश्वास को संरक्षण दे रहे हैं।

क्या संविधान के अनुच्छेद 28 में मदरसे धार्मिकशिक्षा संदेश व पूजा पद्धति की शिक्षा दे सकते हैं। स्कूलों में खेल मैदान रखने के अनुच्छेद 21 व 21ए की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है। अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के धार्मिक शिक्षा संस्थानों को सरकार फंड दे रही है। क्या महिलाओं को मदरसों में प्रवेश पर रोक है। यदि ऐसा है तो क्या यह विभेदकारी नहीं है।

इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब है कि धार्मिक शिक्षा देने वाले अन्य धर्मों के लिए भी प्रदेश में क्या कोई शिक्षा बोर्ड है।

मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम राज्य मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है और राजकीय सहायता प्राप्त है। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि मदरसों के पाठ्यक्रम, शर्तें, मान्यता का मानक, खेल मैदान की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है। क्या लड़कियों को प्रवेश दिया जाता है। इसका भी जवाब दिया जाय।

कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या धार्मिक शिक्षा देने वाले अन्य धर्मों के लिए कोई शिक्षा बोर्ड है? कोर्ट ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष राज्य की स्कीम है तो सवाल है कि क्या पंथनिरपेक्ष राज्य धार्मिक शिक्षा देने वाले स्कूलों को फंड दे सकती है। इस मामले में अब सरकार का जवाब आने पर सुनवाई होगी

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!