तेंदुए का ऐसा खौफ कि रेलवे स्टेशन में अनलोडिंग नहीं हो रही मक्के से लदी रैक
रुद्रपुर, उधमसिंहनगर: हल्दी रेलवे स्टेशन इन दिनों तेंदुए के खौफ से थर्रा रहा है। मक्का से भरी दो रैक यहां अनलोड के इंतजार में खड़ी हैं, लेकिन श्रमिक ढूंढे नहीं मिल रहे। श्रमिकों को डर है कि तेंदुआ अचानक हमला न बोल दे। यही दहशत ट्रांसपोर्टरों के कारोबार को भी पलीता लगा रही है। तीन दिन में ट्रांसपोर्टरों को करीब ढाई लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। रेलवे अधिकारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है।
बता दें कि सिडकुल स्थापना के बाद हल्दी, पंतनगर रेलवे स्टेशन पर देश के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना माल लेकर रैक पहुंचती हैं। भारत सरकार ने इस स्टेशन को ए क्लास का दर्जा दिया है। स्टेशन पर चौबीस घंटे वर्किंग होती है, लेकिन बीते कुछ सप्ताह से यहां के हालात बदले हैं।
स्टेशन पर तेंदुए का आतंक है। स्टेशन जंगल से सटा है तो तेंदुआ अक्सर चला आता है। पूर्व में वह एक श्रमिक को जख्मी भी कर चुका है। उसके डर से रैक से माल उतारने के लिए आने वाले श्रमिक खौफ में हैं। अब वे माल उतारने के लिए नहीं पहुंच रहे।
तीन दिन के भीतर ही स्टेशन पर कटिहार और बिहार से मक्के के 42-42 डिब्बे के दो रैक पहुंच चुके हैं। बड़ा सवाल यह है कि श्रमिकों के बिना ये रैक अनलोड हों तो कैसे। इससे रैक स्टेशन पर ही खड़ी हैं।
छह रैक पहुंचने वाली हैं जल्द
हल्दी स्टेशन पर 42-42 डिब्बे के दो रैक तीन दिन से खड़ी हैं। प्रत्येक रैक में 120 ट्रक मक्का है, जिसे रिद्धि सिद्धि फैक्ट्री में पहुंचाया जाना है। ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक अन्य छह रैक भी दो-तीन दिन के भीतर पहुंच जाएंगी। ऐसे में मजदूर न मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
तीन दिन में 2.40 लाख का नुकसान
ट्रांसपोर्टर राकेश बब्बर ने बताया कि उन्होंने आठ रैक मक्का की मंगाई है। दो रैक पहुंच चुकी हैं। तीन दिन से रैक से माल न उतरने पर उन्हें रोजाना ही 80 हजार रुपये का किराया देना पड़ रहा है। तीन दिन के भीतर उन्हें 2.40 लाख रुपये का नुकसान हो गया है।
निराकरण का हो रहा प्रयास
इज्जतनगर रेलवे मंडल के पीआरओ राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक स्टेशन पर तेंदुए की आवाजाही का पता लगा है। रैक पिछले तीन दिन से अनलोड के इंतजार में खड़ी हैं। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं का निराकरण का प्रयास किया जाएगा।