भारत से बातचीत को तैयार पाक, लेकिन रखी यह शर्त
इस्लामाबाद । वैश्विक दबाव के चलते भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तानी हुक्मरानों के सुर बदलने लगे हैं। हालांकि, वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने कहा है कि उनका मुल्क भारत के साथ ‘सशर्त’ द्विपक्षीय’ (conditional bilateral) बातचीत करने को तैयार है। सनद रहे यह वही कुरैशी हैं जिन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी फौज और उनका मुल्क भारत से मुकाबला करने के लिए तैयार है।
असल चेहरा बेनकाब
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा, ‘हमने कभी भी भारत के साथ बातचीत से इनकार नहीं किया। पाकिस्तान अभी भी भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन भारत ही बातचीत का माहौल नहीं बना रही है।’ इतनी बात कहने के बाद कुरैशी ने अपना रुख बदल लिया। उन्होंने पाकिस्तान की असली चेहरा सामने लाते हुए कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मसले पर यदि कोई तीसरा मुल्क मध्यस्थता करे तो उन्हें खुशी होगी। यही नहीं कुरैशी ने बातचीत की शर्त रखते हुए कहा कि इसके लिए भारत को कश्मीर में नजरबंद अलगाववादी नेताओं को रिहा करना होगा।
यह रहा है भारत का रुख
द्विपक्षीय बातचीत के मसले पर नरेंद्र मोदी सरकार का रुख बेहद साफ रहा है। भारत सरकार बार-बार कहती रही है कि पाकिस्तान से बात तभी होगी जब वह कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराना बंद कर देगा। बीते दिनों केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी धरती से संचालित आतंकवाद को जब तक खत्म नहीं कर देता तब तक उससे बातचीत करने का कोई कारण नहीं है। राजनाथ ने साफ लफ्जों में यह भी कहा था कि पाकिस्तान से आगे भी जो बातचीत होगी, अब वह पीओके पर होगी।
इमरान खान दे चुके हैं परमाणु युद्ध की धमकी
भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को खत्म करने के बाद पाकिस्तान के हुक्मरानों में भारी बेचैनी है। पहले तो उन्होंने इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने की कोशिश की लेकिन जब उन्हें वहां से भी मायूसी मिली तो युद्ध की धमकियां देने लगे। अभी पिछले सोमवार को ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए, दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं। परमाणु युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा। ये न सिर्फ इस क्षेत्र में कहर बरपाएगा बल्कि पूरी दुनिया को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
एक तरफ उकसावे वाली कार्रवाई, दूसरी तरफ बात की पेशकश
असल में पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को एक शरीफ मुल्क के तौर पर दिखाना चाहता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री का बयान इन्हीं कोशिशों का नतीजा है। पाकिस्तान एक ओर भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए सीमा पर लगातार सीज फायर तोड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर युद्ध की धमकियां देकर दुनिया का ध्यान भी खींचना चाहता है। हालांकि, इन सबके बावजूद दुनिया सारे बड़े मुल्कों ने उसकी कोशिशों को तरजीह नहीं दी है। उल्टे अमेरिका और रूस ने उसे क्षेत्र में संयम बरतने की नसीहत दी है। यही वजह है कि पाकिस्तान के हुक्मरान बार-बार गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।